दरअसल, मेरठ के थाना गंगानगर क्षेत्र के उल्देपुर गांव में जातीय हिंसा में एक दलित युवक के मारे जाने के बाद माहौल बिगड़ गया था। माहौल बिगड़ने के बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ता दूसरे दिन गांव पहुंचे थे और पीड़ित परिवार से मिले थे। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के गांव आने की सूचना के बाद पुलिस ने चारों तरफ से गांव की नाकेबंदी कर दी थी, ताकि भीम आर्मी के लोग गांव के भीतर न घुस सकें। लेकिन गांव में हालात तनावपूर्ण होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है। राजपूत समाज के लोगो ने मंगलवार को दोपहर कमिश्नरी पर प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी।
दरअसल, मेरठ के थाना गंगानगर क्षेत्र के उल्देपुर गांव में जातीय हिंसा में एक दलित युवक के मारे जाने के बाद माहौल बिगड़ गया था। माहौल बिगड़ने के बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ता दूसरे दिन गांव पहुंचे थे और पीड़ित परिवार से मिले थे। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के गांव आने की सूचना के बाद पुलिस ने चारों तरफ से गांव की नाकेबंदी कर दी थी, ताकि भीम आर्मी के लोग गांव के भीतर न घुस सकें। लेकिन गांव में हालात तनावपूर्ण होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है। राजपूत समाज के लोगो ने मंगलवार को दोपहर कमिश्नरी पर प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी कि भीम आर्मी सहारनपुर की तर्ज पर अब मेरठ में भी दंगा भड़काना चाहती है। बताते चले कि मामला राजनीतिक सुर्खियां बना हुआ है। मेरठ में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मामला गूंजा था। जिसमें खुद गृहमंत्री ने कहा था कि विपक्ष भाजपा को दलित विरोध बता रहा है।
कि भीम आर्मी सहारनपुर की तर्ज पर अब मेरठ में भी दंगा भड़काना चाहती है। बताते चले कि मामला राजनीतिक सुर्खियां बना हुआ है। मेरठ में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मामला गूंजा था। जिसमें खुद गृहमंत्री ने कहा था कि विपक्ष भाजपा को दलित विरोध बता रहा है।
उल्देपुर में दलित युवक रोहित की हत्या के बाद इलाके में भाम आर्मी की बढ़ती गतिविधियों से चिंतित राजपूत संघर्ष समिति ने कमिश्नरी पर मंगलवार को धरना-प्रदर्शन किया। समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि भीम आर्मी के लोग हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इन लोगों का यह भी कहना है कि आरोपी जेल जा चुके हैं तो फिर निर्दोष लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा। राजपूत समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जल्द से जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन होगा। इस दौरान राजपूत समाज के सैकड़ों लोग मौजूद थे। वहीं, इस पूरे मामले में एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय का कहना है कि इस मामले में जांच चल रही है। घटना के आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज के लोगों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न पुलिस नहीं होने देगी।