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इस भाजपा नेता ने अपनी ही सरकार को दे दिया इस बात पर अल्टीमेटम नोटबंदी की घटिया प्लानिंग से लोग हुए परेशान हड़ताली बैंक कर्मचारी यूनियन्स के नेताआें ने कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी की प्लानिंग घटिया थी। इसमें लाेग परेशान हुए। रिजर्व बैंक आफ इंडिया को यह पता ही नहीं था, क्या करना है। इसलिए आरबीआर्इ हर ४८ घंटे में नियम चेंज कर रहा था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान लोग परेशान हो रहे थे, लेकिन बैंककर्मचारियों ने ही उन्हें दिलासा दिलायी आैर उनकी परेशानी कम की। उन्होंने कहा कि नोटबंदी घटिया प्लानिंग के साथ लागू की गर्इ आैर सबसे ज्यादा नुकसान लोगों का हुआ। हड़ताली बैंक यूनियन्स के नेताआें का कहना था कि बैंक कर्मचारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं आैर उन्हें अपने हक के लिए भीख मांगनी पड़ रही है। इसे वे कतर्इ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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सेना ने सैनिकों के खाने को लेकर जारी की यह चेतावनी, ये चीजें खायी तो झेलनी पड़ सकती है दोतरफा मुसीबत यह है बैंक कर्मियों की मांग ग्यारहवें द्विपक्षीय समझौते को आईबीए द्वारा तुरंत हस्ताक्षर किये जाने की मांग के विरोध में सामूहिक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी स्केल 7 के अधिकारियों को वेतन समझौते में शामिल करे की मांग कर रहे हैं। यूपीबीईयू के जिला मंत्री प्रशांत शर्मा ने आंदोलनकारियों का सम्बोधित करते हुए कहा कि जहां बैंककर्मियों ने सरकार की जनधन, बीमा योजनाओं, मुद्रा लोन, नोटबंदी के कार्यों तथा आधार लिंक करने जैसे कार्यों को पूरी ईमानदारी के साथ किया वहीं सरकार और आईबीए, बैंक कर्मचारियों के साथ यह ढुलमुल रवैया भेदभाव वाला है। कीर्ति दुग्गल ने कहा कि इससे बैंककर्मियों में रोष है। सरकार बैंकों के बढ़ते हुए घाटे का हवाला देते हुए बैंक कर्मियों के वेतन समझौते में आनाकानी कर रही है। जिसका संगठन पुरजोर तरीके से विरोध करता है। यूनियन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दो दिन दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी लोगों को दो दिन की हड़ताल के कारण आम लोगों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा। इससे व्यापार और अन्य कामकाज में परेशानी आएगी। बैंकों पर ताले लटकने से ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन करने वालों में कीर्ति दुग्गल, एसके शर्मा, प्रशांत शर्मा, ओमबीर सिंह, ललित कुमार, केके अग्रवाल, अमित त्यागी, राणा प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। इस बार नौ यूनियन एक साथ मिलकर हड़ताल कर रही हैं। बैंकों की इस हड़ताल का असर व्यापार पर पड़ेगा। बैंक की इस हड़ताल से चेक क्लीयरेंस व्यवस्था ठप हो गई है।