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इस मामूली विवाद में दो सम्प्रदाय के लोग आ गए आमने-सामने, जमकर मारपीट के बाद हुर्इ कर्इ राउंड फायरिंग सातों के पास से मिला यह सामान कार्रवाई में एसटीएफ और एसपी सिटी की संयुक्त टीम शामिल रही। संयुक्त रूप से त्वरित कार्रवाई में ‘साल्वर गैंग’ का सरगना और उसके साथियों के कब्जे से काफी मात्रा में विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र और दस्तावेज सहित मोबाइल व कैश बरामद हुआ है। साॅल्वर गैंग रेलवे ग्रुप डी की प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्नपत्र आउट करने के प्रयास में थे। लेकिन उससे पहले ही पुलिस के हाथ चढ़ गए। साॅल्वर गैंग मवाना रोड क एफआईटी कालेज में रुका हुआ था। एसपी सिटी रणविजय सिंह और सीओ एसटीएफ ब्रजेश सिंह की टीम ने यही से ‘साॅल्वर गैंग’ के सरगना सहित सात मुन्ना भाइयों को पकड़ा। पकड़े गए साॅल्वरों के नाम सुंदर चौधरी, आकाश, राजसिंह, अभय चौधरी निवासीगण मथुरा और बागपत निवासी रामनेहर, मवाना निवासी अमित व गाजीपुर निवासी रविकांत हैं। गैंग का सरगना सुंदर चौधरी है। आरोपियों के कब्जे से नौ मोबाइल, 30 हजार की नकदी, कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र, परीक्षार्थियों के आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, मार्कशीट और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। बताया जाता है कि मुन्ना भाइयों का यह गिरोह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों से संपर्क करके उनके स्थान पर उनसे मिलती-जुलती शक्ल के साॅल्वर को परीक्षा मेेें बिठाता था। जिस परीक्षा में परीक्षार्थी के फिंगरप्रिंट की आवश्यक्ता होती थी, उसमें परीक्षार्थी की उंगलियों पर फेविकाॅल लगाकर उसके फिंगरप्रिंट की डमी तैयार कर लेते थे। इस डमी को साॅल्वर की उंगलियों पर चस्पा किया जाता था।
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Mission 2019 में भाजपा के सारे समीकरण गड़बड़ा देगी यह बिरादरी, योगी सरकार ने इनके लिए कुछ किया ही नहीं! एक लाख की रकम लेते थे प्रश्नपत्र हल कराने के लिए परीक्षार्थी से एक लाख की रकम लेते थे, जिसमें से 25 हजार साॅल्वर को दिए जाते थे। पिछले कुछ दिनों से यह गिरोह रेलवे ग्रुप डी की प्रतियोगी परीक्षा मेें सेंधमारी कर रहा था। पुलिस और एसटीएफ की टीम आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैं। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि पकडे गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने कितने पैसे में किससे सौंदा किया था।