इस मामले में अब भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती खुलकर एसपी सिटी के समर्थन में उतर आई हैं। उमा भारती ने कहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसको सियासी मुद्दा बनाते समय इसका मानवीय पक्ष भूल रहे हैं कि पुलिसकर्मियों के भी परिवार होते हैं। उनमें देशभक्ति का जज्बा प्रबल होता है। ऐसे में इसको सियासी मुद्दा बनाना दोनों भाई-बहनों की घिनौनी साजिश है। उन्होंने लिखा है कि देश में शांति होने लगी है। यूपी भी सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। इस स्थिति को कांग्रेस और वामपंथी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने धर्म के नाम पर देश को बांटा, 1984 में हजारों सिखों को जिंदा जलाया और अब पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
बता दें कि कि एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह के बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एसपी सिटी की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि भारत का संविधान किसी नागरिक के साथ इस प्रकार की भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता है। जब अाप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तो आपकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। बीजेपी ने संस्थाओं में इस कदर सांप्रदायिकता का जहर घोल दिया है कि अब अधिकारियों को भी संविधान की कसम की कोई कद्र नहीं रह गई है।
ये है पूरा मामला दरअसल, मेरठ में सीएए के विरोध में 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद कुछ युवकों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इस पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने युवकों के पीछे भागते हुए कहा था कि जहां जाओगे, चले जाओ। हम ठीक कर देंगे। काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हो, खाओगे यहां की और गाओगे वहां की। याद रखना, सब याद रहता है। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उस दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों से मैंने कहा था कि पाकिस्तान पसंद है तो वहीं चले जाओ।