उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 20 हजार से अधिक राशन कार्डों के आवेदनों पर तीन माह बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। विभाग पर आरोप लगाया कि फर्जी राशन कार्डों में एक ही परिवार में हिंदू-मुस्लिम नाम डालकर राशन कार्ड बनाए गए हैं और हर महीने उस कार्ड पर राशन भी बांटे जा रहे हैं। इतना ही नहीं राशन कार्ड में महिला को महिला का पति तथा पुरूष को पुरूष का पति, हिन्दू को मुस्लिम की पत्नी तथा बेटे को हिन्दू दर्शाकर मुस्लिम बहुत क्षेत्र का निवासी दर्शाया गया हैं। लेकिन जो पात्र हैं उन्हें राशन कार्ड नहीं मिल पा रहा है।
इसके साथ ही आरोप है कि ऐसे तमाम प्रमुख कारण हैं जो दर्शाते हैं जिसमें कार्ड फर्जी रूप से तैयार कर राशन की लूट के लिए बनाए गए हैं। ये तो सिर्फ एक राशन डीलर का हाल है। मेरठ के तमाम राशन डीलरों की जांच हो तो लाखों की संख्या में फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आएंगे। तथा लाखों करोडों का राशन घोटाला उजागर होगा। उन्होंने कहा कि शिवसेना इस पूरे प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है। इस दौरान शिवसेना ने जिलाधिकारी से जांच कर कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर शिवसेना प्रदेश महासचिव व पउप्र प्रभारी धर्मेद्र तोमर ने कहा कि जिला आपूर्ति अधिकारी, कर्मचारी व राशन डीलर फर्जी राशन कार्ड डिजिटल हस्ताक्षर से जारी कर राशन की कालाबाजारी कर रहे हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।