SC-ST एक्ट पर पूछा सवाल तो प्रेस-कांफ्रेंस छोड़कर चले गए योगी के ये मंत्री
दरअसल रविवार शाम जैदी नगर सोसाएटी स्थित इमामबारगाह में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कमेटी की जानिब से इत्तेहाद-ए-मिल्लत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता ईरान से आए मौलाना सैयद सिब्ते हैदर जैदी (खदीब-ए-हरम हजरत इमाम अली मशहदे मुकद्दस ईरान) ने की। मुख्य अतिथि शहर काजी प्रोफेसर जैनुल साजिद्दीन तथा नायब शहर काजी जैनुल राशिद्दीन रहे। कांफ्रेंस में मौलाना महफूज उर रहमान शाहीन जमाली, कारी शफीक उर रहमान, मुफ्ती खुर्शीद, कारी सलमान, हाजी इमरान सिद्दीकी, हाजी जीएम मुस्तफा, पार्षद अब्दुल गफ्फार, इकबाज रजा, शाने हैदर, अली गौहर, मुजीबउर रहमान सहित मुस्लिम समाज के सभी वर्गों के रहनुमा शामिल हुए। कांफ्रेंस के आयोजक मौलाना वसीम अब्बास, मौलाना अमीर आलम रहे।
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कांफ्रेंस में शिया-सुन्नियों ने एकसाथ रहने का निर्णय लिया। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, भावनाएं भड़काने और भ्रमित करने वाला बताया गया। साथ ही वसीम के शब्दों की निंदा की गई। इस दौरान सर्वसम्मति से वसीम को इस्लाम से खारिज किए जाने का निर्णय लिया गया और उनका सामाजिक बहिष्कार किया गया। इससे पूर्व कांफ्रेंस का आगाज तिलावत-ए-कुरआन से मौलाना शादाब हापुड़ ने किया। नात-ए-पाक मोहम्मद मेहंदी ने पढ़ी। संचालन सैयद अली हैदर रिजवी ने किया।