शहीद अजय कुमार का मंगलवार सुबह 9.30 बजे पतला स्थित आईटीआई कॉलेज के मैदान में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा में लगभग चार किलोमीटर लंबा काफिला रहा। बता दें कि पुलवामा एनकाउंटर में शहीद हुए 26 वर्षीय अजय कुमार सात अप्रैल 2011 को 20 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए थे। जम्मू-कश्मीर में उनकी पोस्टिंग कुछ माह पूर्व ही हुई थी। उसके बाद में अजय कुमार को 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती मिली थी। अजय के परिजनों का कहना है कि उन्हें सैन्य अधिकारियों ने फोन कर सोमवार सुबह शहादत की सूचना दी थी। अजय हाल ही में एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे। 30 जनवरी को ही ड्यूटी पर गए थे। अजय का एक बेटा आरव है जो कि ढाई साल का है। वहीं उनके पिता वीरपाल भी सेना से सेवानिवृत्त हैं।
अजय की शहादत के बाद से ही घर में कोहराम मचा हुआ है। पत्नी डिंपल व अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके शव को पहुंचने के बाद ही आस-पास के गांवों की भीड़ भी शहादत में शामिल हुए। घर और गांव में अजय की बहादुरी के चर्चे हो रहे हैं। अजय के पिता वीरपाल का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर भी गर्व है कि उनके बेटा अपने शहीद जवानों की शहादत का बदला लेकर शहीद हुआ है। वहीं ग्रामीणों मेंं पाकिस्तान के खिलाफ भी गुस्सा है।
आपको बता दें कि अजय कुमार मेरठ के जानी ब्लाॅक के गांव टीकरी के रहने वाले है। पत्नी बार-बार बेहोश हो जाती तो मां सदमे में हैं। अजय के परिजनों को अंदाजा नहीं था कि उनके बेटे की शहादत की खबर उन्हें इस तरह मिलेगी। अजय कुमार इकलौता बेटा था। इकलौते बेटे को खोने का दर्द उनकी मां की आंखों में साफ दिखाई दे रहा है। अजय की मां का कहना है कि बेटे की शहादत पर गर्व है। उन्होंने कहा कि मुझे सरकार पर भरोसा है, एक दिन भारत पाकिस्तान को सबक जरुर सिखाएगा।