रायबरेली के रहने वाले अंकुर को 11 साल पहले हत्या के मामले में जेल भेज दिया गया। 2019 में तमंचा लहराता उसका फोटो मीडिया पर वायरल हुआ था। जांच में पता चला कि तमंचा मिट्टी का बना था। इसके बाद उसे मेरठ जेल भेजा गया था। कुछ समय बाद अदालत से अंकुर को आजीवन कारावास की सजा हो गई।
यह भी पढ़े : मुंबई की शिक्षिका और मेरठ के छात्र की फेेसबुक पर हुई दोस्ती प्यार में बदली,मुंबई से मेरठ तक हो रही तलाश अंकुर जेल में बंद था इसी दौरान नगर निगम की टीम मेरठ जिला जेल में पेंटिंग बनाने के लिए आई थी। अंकुर को इस टीम के साथ बतौर सहयोगी लगा दिया गया। उसी दौरान उसने यह पेटिंग का हुनर सीख लिया। जेलर राजेंद्र सिंह के अनुसार, अब तक वह 30 वाल पेटिंग और 50 कैनवास पेंटिंग बना चुका है। हाल में जेल परिसर में हुए क्रिकेट मैच का लोगो भी अंकुर ने बनाया था। वाल पेटिंग बनाने में करीब चार दिन जबकि कैनवस पेंटिग में दो-तीन दिन लगते हैैं। राजेंद्र सिंह ने बताया कि अंकुर किसी की फोटो देखकर भी हूबहू बना देता है। वह दो बंदियों को भी यह कला सिखा रहा है। शासन को भी उसकी प्रतिभा से अवगत कराया जाएगा। हो सकता है इससे उसकी सजा में कुछ छूट हो जाए। अब उसका भाव भी सकारात्मक हो गया है।