उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 150 साल पुरानी सेना भर्ती प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके तहत एक जवान की भर्ती प्रक्रिया में ही 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आ जाता है। जिससे देखते हुए भर्ती प्रक्रिया में बदलाव जरुरी है। ताकि कम खर्च में प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके। इसमें कई संशोधनों पर गहराई से विचार किया जा रहा है। एडीजी मेजर जनरल सुभाष शरण ने कहा कि भर्ती के लिए युवाओं को दलालों के चक्कर में फंसना नहीं चाहिए।
अज्ञानता के कारण युवा सेना में भर्ती होने के लिए दलालों का सहारा लेते है और अपने पैसे गवां बैठते है। इनके चंगुल से बचाने के लिए सेना जुलाई में फ्री ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करने जा रही है। कैंप में सेना में भर्ती होने से संबंधित सभी जानकारी युवाओं को दी जाएगी। मेजर जनरल सुभाष शरण ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए जिन महिलाओं ने आवेदन किए है, सितंबर व अक्टूबर में लखनऊ में उनकी यूपी की पहली महिला भर्ती होगी।
भगवद्गीता को जरुर पढ़ें युवा उन्होंने युवाओं से भगवद्गीता पढ़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भगवद्गीता धार्मिक ग्रंथ है। यह किसी को भेदभाव करना नहीं सिखाती है। गीता में जीवन से न हारने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने करीब 30 साल पहले इराक पर हमला किया था। उस समय अमेरिका ने सबसे पहले अपने सैनिकों को भगवद्गीता पढ़ाई थी।