जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. काजला ने प्राइवेट अस्पताल में रोगी का ऑपरेशन किया था। इसके बाद में रोगी की मृत्यु होने से यह मामला उजागर हुआ। इस मामले में प्रशासन, एस.पी. मेडिकल कॉलेज एवं सीएमएचओ की तरफ से विभिन्न स्तरों पर जांच की गई है।
विभिन्न जांच कमेटियों के समक्ष यह बात भी सामने आई की पीबीएम के कुछ अन्य डाक्टर भी प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं देते हैं। यह विषय एस.पी. मेडिकल के प्राचार्य के लिए जांच का विषय बताया गया।
रिपोर्ट में बताया कि जिस रोगी का श्रीराम अस्पताल में डॉ. काजला ने ऑपरेशन किया। रोगी की पर्ची पीबीएम अस्पताल की थी। रोगी की जांचें भी पीबीएम अस्पताल से करवाई गई। बाद में डॉ. काजला ने अपने घर पर खुद के लेटर पैड पर रोगी की सोनोग्राफी फिर से करवाने के लिए लिखा। भर्ती का टिकट श्रीराम अस्पताल का है। ऑपरेशन प्रमोशन नोट डॉ. काजला के लिखे हुए हैं।
श्री राम अस्पताल के प्रबंधन की ओर से मिले दस्तावेज से यह तथ्य जांच में सामने आए हैं कि रोगी के भर्ती के कागजात, दस्तावेजों और तथ्यात्मक रिपोर्ट में पीबीएम के रोगी को श्रीराम अस्पताल में ले जाया गया है। वहीं ऑपरेशन हुआ है।
ये उठे सवाल ? एस.पी. मेडिकल कॉलेज व पीबीएम अस्पताल से जुड़े सर्जन क्या पीबीएम से बाहर जाकर निजी अस्पतालों में ऑपरेशन कर सकते है? हालांकि डॉक्टरों को घर पर प्रैक्टिस की राज्य सरकार ने छूट दे रखी है।