जानकारों का कहना है कि मेरठ ही पूरे उत्तर प्रदेश में ही यह वैक्सीन अभी तक नहीं आई है। सऊदी सरकार ने जिन वैक्सीनों को अनुमति प्रदान की है उनमें फाइजर, एक्स्ट्रा जैनिका, मॉडर्ना व जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन शामिल हैं। यानी जिन अकीदतमंदों को इनमें से एक भी वैक्सीन लगी होगी वे हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जा सकते हैं। जमीयत उलमा-ए-हिंद के शहर अध्यक्ष व नायब शहरकाजी जैनुर राशिद्दीन ने बताया कि सऊदी अरब ने सशर्त हज का एलान किया है। नियम यह है कि अधिक बीमार व अस्पताल में भर्ती रहे लोग हज यात्रा नहीं कर पाएंगे। हज से छह महीने पहले किसी प्रकार के रोग से पीड़ित न रहे हों और स्वस्थ हों। साथ ही कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी हो। जिसका प्रमाण भी सऊदी सरकार को देना होगा।
उन्होंने कहा कि मेरठ और पूरे मुल्क में इस समय कोविशील्ड और को—वैक्सीन लगाई जा रही है। सऊदी सरकार ने जिन वैक्सीनों के लिए अनुमति दी है उनमें से तो कई अभी मुल्क में आई ही नहीं। ऐसे में अकीदतमंदों को हज यात्रा पर जाने का संकट हो गया है। सरकार को सऊदी अरब से बात कर नियमों में रियायत करवानी चाहिए। यदि अनुमति नहीं मिली तो इस बार वैक्सीन के फेर में अकीदतमंद हज यात्रा से वंचित रह सकते हैं। इस मामले में उलमा से बातचीत कर सऊदी सरकार तक बात पहुंचाएंगे। ताकि हज जाने वालों को इस बार तो मौका मिले।