दरअसल, यह घटना थाना लालकुर्ती क्षेत्र की है। लालकुर्ती निवासी अजय कुमार की दो बेटियां हैं, उनकी पत्नी तीसरी बार गर्भवती हुई थी। इसी बीच उन्होंने गाजियाबाद में रहने वाले रिश्तेदार दुष्यंत के साथ लिखित रूप से एक एग्रीमेंट किया, जिसमें लिखा था अजय की पत्नी बेटी को जन्म देती हैं तो उसका पालन पोषण दुष्यंत करेगा। इसके लिए उसे अस्पताल में डिलीवरी पर हुआ खर्च उठाना पड़ेगा। बेटा पैदा हुआ तो अजय उसे खुद ही रखेगा। दो मार्च को अजय की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। एग्रीमेंट के मुताबिक दुष्यंत ने अस्पताल का खर्च उठाया और वह बच्ची को लेकर चला गया। शनिवार को बच्ची की छठीं का आयोजन गाजियाबाद में था, जिसकी तैयारियां शुक्रवार से चल रही थीं। अजय ने दुष्यंत से कहा कि बच्ची को एक बार उसकी मां से मिलवा दो।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात दुष्यंत कार से नवजात को लेकर लालकुर्ती पहुंचा था। बच्ची को देखते ही मां के दिल में ममता जाग उठी। उसने पति से बच्ची को वापस मांगी। मां ने बच्ची को गोद में लिया और वापस देने से इनकार कर दिया। उसने लिखित एग्रीमेंट भी फाड़ दिया और कहा कि हमने कोई एग्रीमेंट नहीं किया है। सिर्फ एक या दो दिन को बच्ची दी थी। मैं अपने कलेजे के टुकड़े को अब किसी को नहीं दूंगी। इस पर हंगामा खड़ा हो गया। मौके पर पहुंची थाना पुलिस ने बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया। वहीं बेचारा दुष्यंत बिना बच्ची लिए वापस गाजियाबाद लौट गया। रात में 12 बजे तक थाने में हंगामा होता रहा। करीब 1 बजे रात जाकर पूरा मामला शांत हुआ। इस बारे में जब एसपी सिटी डाॅ. एएन सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि बच्ची को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। बच्ची उसकी मां को सौंप दी गई है।