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संघ प्रमुख के बैठने के लिए कई मायने में अनोखा होगा यह मंच, जानिए इसकी खूबियां नगर निगम में बनी मेयर भाजपा की नींद पिछले निकाय चुनाव में मेरठ के परिणाम के बाद से उड़ी हुर्इ है। कहीं न कहीं भाजपा हार्इकमान भी थोड़ी इस बात की फिक्र है कि मुस्लिम आैर दलित गठबंधन उनके लिए आफत बन सकता है। मेरठ नगर निगम चुनाव में भाजपा की मजबूत उम्मीदवार होते हुए भी मुस्लिम-दलित के गठबंधन ने भाजपा के सारे समीकरण बिगाड़ दिए आैर बसपा की सुनीता वर्मा मेयर बनी। इस जीत के बाद भाजपा के शीर्ष नेताआें में बेचैनी है। लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन से पार पाने के लिए ‘राष्ट्रोदय’ से बेहतर मंच कोर्इ नहीं हो सकता।
गठबंधन 50 फीसदी के पास वेस्ट यूपी में मुस्लिम जनसंख्या 35 फीसदी है आैर दलित भी इसमें शामिल हो जाएं तो यह आंकड़ा 50 फीसदी से ज्यादा हो जाता है। यह आंकड़ा भाजपा-आरएसएस को परेशान कर रहा है। इस निकाय चुनाव में गठबंधन की आहट होने के बाद आैर पिछले साल मर्इ में ठाकुर-दलित टकराव जैसी घटनाआें से भाजपा का दलित प्रेम जिस तरह जागा है, वह ‘राष्ट्रोदय’ कार्यक्रम में देखने को मिल सकता है। दलित बुद्धिजीवी सत्यप्रकाश टोंक का कहना है कि आरएसएस सामाजिक संगठन है। ‘राष्ट्रोदय’ कार्यक्रम को इससे जोड़ा जाना सही नहीं है।