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आपको बता दें कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के तहत दुहाई से लेकर साहिबाबाद तक रैपिड रेल के लिए पिलर निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। इसके अलावा दुहाई से मेरठ के शताब्दीनगर तक स्टेशन बनाने के लिए भी टेंडर जारी किया जा चुका है। रैपिड रेल को सुचारु रूप से चलाने के लिए मेरठ क्षेत्र में रोड चौड़ीकरण का काम भी चल रहा है। इसके अलावा दिल्ली में प्रस्तावित आनंद विहार भूमिगत स्टेशन का टेंडर भी जारी किया जा चुका है। मेरठ में भूमिगत स्टेशनों के लिए भी टेंडर निकालने की तैयारी चल रही है। गौरतलब है कि रैपिड रेल परियोजना की पूरी लागत 32 हजार करोड़ रुपये हैं। रैपिड रेल के लिए 60 फीसद राशि कर्ज के रूप में एशियन डेवलपमेंट बैंक से लिया जा रहा है। रैपिड रेल की कुल लागत का 40 फीसद में केंद्र, यूपी और दिल्ली सरकार को हिस्सेदारी करनी है।
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रैपिड रेल का संचालन शुरू होने से 60 मिनट से भी कम समय में मेरठ से दिल्ली तक की दूरी तय हो जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली से भीड़ का दबाव भी कम होगा। रैपिड रेल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसकी स्पीड 180 किमी प्रति घंटे है। वहीं, रैपिड रेल की ऑपरेशन स्पीड 160 किमी प्रति घंटे होगी, जबकि औसत स्पीड 100 किमी प्रति घंटे रहने की संभावना है। खास बात ये है कि ये ट्रेन प्रत्येक 5-10 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होगी। इस ट्रेन की सभी कोचें ऐसी होंगे। वहीं, भारी-भरकम सामान रखने के लिए काफी स्पेस का इंतजाम किया जाएगा। इसके अलावा बिना ट्रेन बदले ही अलवर या गुरुग्राम जा सकेंगे।