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सावन शिवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में करें जलाभिषेक, इस दिन व्रत पारण का यह है शुभ समय कालेज परिसर में बिना साड़ी पहनें न आएं जिसमें लिखा है कि शिक्षिकाएं कालेज परिसर में बिना साड़ी के न आएं। कालेज ने शिक्षिकाओं की सभा में लिए गए निर्णयों में से एक है साड़ी पहनने की बाध्यता करना। कालेज के इस तुगलकी निर्णय से कालेज की शिक्षिकाओं में रोष है। कालेज ने जिस तरह से निर्देश दिए हैं उससे साफ है कि शिक्षिकाओं का साड़ी बिना काम नहीं चलेगा। शिक्षिकाओं ने ड्रेस को लेकर दिए निर्देशों को महिला की निजता पर हमला बताया है।
यह भी पढ़ेंः Breaking: कांवड़ यात्रा की वजह से इस जनपद के सभी स्कूल-कालेजों में तीन से नौ अगस्त तक अवकाश घोषित शिक्षिकाआें ने कहा- बाध्य करना ठीक नहीं नौ जुलाई को कालेज परिसर में शिक्षिकाओं की सभा बुलाई गई थी। कालेज प्राचार्या डॉ. अर्चना शर्मा ने इस बैठक में जिन बिदुओं पर विचार हुआ उससे संबंधित नोटिस जारी करते हुए सभी शिक्षिकाओं को दिए गए। इसमें सबसे आखिरी निर्देश में लिखा गया कि सभी शिक्षिकाओं को विद्यालय में साड़ी पहनकर आना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षिकाओं का कहना है कि आज देश में महिलाएं उच्च पदों से लेकर हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं ऐसे में वहां छात्राओं को शिक्षा देने वाले कालेज में शिक्षिकाओं को साड़ी के लिए बाध्य करने से क्या संदेश जाएगा। शिक्षिकाओं का कहना है कि वे इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग में उठाएंगी। किसी शिक्षिका ने इसकी कापी महिला आयोग को भेज भी दी है। जिसको संज्ञान में लेकर महिला आयोग ने कालेज से जवाब-तलब किया है।