68 किमी ट्रैक यूपी में जबकि 14 किमी दिल्ली में 82 किमी लंबा रैपिड रेल कॉरिडोर सराय काले खां से मोदीपुरम डिपो के बीच बन रहा है। इसमें 68 किमी का ट्रैक यूपी में जबकि 14 किमी का ट्रैक दिल्ली में पड़ेगा है। पूरे रैपिड कॉरिडोर पर परिचालन 2025 से शुरू होना है, लेकिन साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड का परिचालन 2023 से प्रस्तावित है। यानी साहिबाबाद से दुहाई के बीच 2023 में रैपिड दौड़ने लगेगी।
प्रतिदिन 10 लाख यात्री करेंगे यात्रा दिल्ली से मेरठ के बीच सफर 60 मिनट में पूरा होगा और इस दौरान यह ट्रेन 25 स्टेशनों पर रुकेगी। तीन स्टेशन सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार दिल्ली जबकि शेष 21 उत्तर प्रदेश के हैं। जंगपुरा का यह नया स्टेशन जुड़ने के बाद दिल्ली में चार स्टेशन हो जाएंगे। इसके बाद यह कुल 25 स्टेशनों के यात्रियों को सीधे-सीधे फायद देगा। एक अनुमान के मुताबिक, इस रूट पर रोज 10 लाख यात्रियों के सफर करने का अनुमान है।
जंगपुरा स्टेशन इसी स्टैब्लिंग यार्ड प्रथम फेज के तीनों कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी एवं दिल्ली-पानीपत के लिए ट्रेनें मुहैया कराएगा। बनाया जाना वाला नया जंगपुरा स्टेशन इसी स्टैब्लिंग यार्ड का विस्तार होगा। बता दे कि स्टैब्लिंग यार्ड में ट्रेनों की साफ-सफाई, रख-रखाव तथा मरम्मत के अलावा तीनों कॉरिडोर में ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन की निगरानी एवं नियंत्रण के लिए ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा।
जंगपुरा आरआरटीएस स्टेशन की लोकेशन बहुत महत्वपूर्ण है। यह स्टेशन दक्षिणी दिल्ली के व्यस्त रिंग रोड और मथुरा रोड से सटे घनी आबादी वाले इलाकों जैसे आश्रम, निजामुद्दीन, श्रीनिवासपुरी व लाजपत नगर को भी इस कॉरिडोर से जोड़ देगा।
आम जनता तक रैपिड रेल पहुंचाने की कोशिश एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि आरआरटीएस का उदेश्य यही है कि आम जनता तक रैपिड रेल की ज्यादा से ज्यादा पहुंच सुनिश्चित की जाए। जंगपुरा आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण इसी का हिस्सा है जिसका फायदा उन यात्रियों को मिलेगा जो जंगपुरा और इसके आसपास दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्रों से रहते हैं।