दरअसल, गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मेरठ में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुआ। जिसमें जमकर पथराव और फायरिंग भी हुई। वहीं पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज भी किया। इस दौरान भूमिया पुल और हापुड़ रोड़ पर चार लोगों की मौत भी हुई। जिनके परिवारों से मिलने के लिए राहुल गांधी व प्रियंका गांधी करीब 14-15 गाड़ियों के काफिले के साथ मेरठ पहुंचे।
मेरठ पुलिस ने पहले उनके काफिले को मोहइद्दीनपुर के पास रोकने की कोशिश की। लेकिन, वे वहां नहीं रुके और आगे बढ़ गए। जिसकी सूचना तत्काल उच्च अधिकारियों को दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कांग्रेस नेताओं के इस काफिले को परतापुर में रोक दिया। जिस पर राहुल ने उनसे पूछा कि क्या आपके पास ऑर्डर है। जिस पर अधिकारियों ने जिले में लागू धारा 144 का हवाला दिया। इस दौरान राहुल-प्रियंका की तरफ से सिर्फ तीन लोगों के अंदर जाने की इजाजत मांगी गई। जिस पर पुलिस ने इंकाकर कर दिया और राहुल-प्रियंका को वापस लौटना पड़ा।
इस मामले में एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार का कहना है कि मेरठ जिले में सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लागू है। मेरठ पहुंचे प्रियंका और राहुल को बताया गया है कि जहां वह जाना चाह रहे थे वह काफी भीड़ वाला इलाका है। ऐसे में अगर शांति भंग होती है तो इसकी जिम्मेदारी उन लोगों की ही होगी। जिसके बाद वह मेरठ के परतापुर इलाके से ही वापस लौट हो गए।
धरने पर बैठे कांग्रेस नेता गौरतलब है कि राहुल-प्रियंका के आने की सूचना मिलने पर भारी संख्या में कांग्रेसी भूमिया पुलिस पर पहुंच गए। साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी हापुड रोड और भूमिया पुल पर तैनात कर दिए गए। वहीं भूमिया पुल पर मौजूद कांग्रेसियों को जैसे ही राहुल-प्रियंका के जिले में आने से रोके जाने की सूचना मिली तो वह धरने पर बैठ गए। जिन्हें वहां मौजूद एसपी सिटी ने समझाने का प्रयास किया।