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बच्चों और महिलाओं के साथ ये मजदूर चंडीगढ़ से पैदल निकले बांदा केे लिए, इन्हें झेलनी पड़ी काफी मुश्किलें बता दें कि प्रदेश की जेलों और मेरठ जेल में इस समय क्षमता से चार गुना कैदी बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से कहा था कि जेल में कई अधिकारियों के अलावा कई विजिटर्स भी आते हैं। इस वजह से कैदियों को वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा होती है। सुप्रीम कोर्ट की मुख्य बेंच ने यह भी कहा कि जेल कोरोना वायरस के फैलने का कारण बन सकते हैं। बेंच ने सभी राज्य और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों, पुलिस महानिदेशक को स्वास्थ्य सहायता देने के लिए उपाय करने का सुझाव दिया था।
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Lockdown: अप्रैल में नहीं होगी बिजली मीटर की रीडिंग, इस तरह बिल तैयार कराकर भेजा जाएगा आपके पास सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 20 मार्च से पहले इस बीमारी को फैलने से रोकने के उपायों और संक्रमित कैदियों को अलग रखने की योजना के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था। वहीं मेरठ जेल में भी कैदियों की संख्या चार गुना अधिक है। इसी को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने आदेश जारी किए थे जो कैदी सात साल की सजा काट चुके हैं उनकी केस हिस्ट्री देखकर उनको पेरोल पर रिहा किया जाए। जब स्थितियां समान्य हो जाए तो उनको वापस बुला लिया जाए।
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मेरठ के पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर, इलाके के हर घर जाकर टीम कर रही जांच इसी को लेकर मेरठ जेल में अदालत लगाई गई। करीब 250 कैदियों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से कुछ को आज और कुछ को आगामी सोमवार को रिहा किया जाएगा। जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही कैदियों को पेरोल पर रिहा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेरठ जेल से 55 कैदी और 250 बंदियों को रिहा किया जाएगा।