पश्चिम उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए क्लिक करें एस्टोनिश के अलावा कर्इ कंपनियां उन्होंने बताया कि आरोपी और उसके साथियों ने एस्टोनिश के सिवा अन्य कई कंपनियां भी बनाई थीं। आरोपी फेसबुक पर विज्ञापन पर लाइक कराने के नाम पर भोले-भाले लोगों को अपनी कंपनी का सदस्य बनाते थे। हर लाइक के नाम पर सदस्य को 512 रुपये देने का झांसा दिया जाता था। शुरूआत में अपनी साख बनाने के लिए कंपनी ने काफी लोगों के खातों में रकम जमा की। कंपनी के सदस्यों ने अपनी नीचे अन्य हजारों सदस्यों को जोड़ा। इसके बाद हजारों लोगों से सैकड़ों करोड़ रुपये सिक्योरिटी मनी के नाम पर जमा कराने के बाद कंपनी के संचालक फरार हो गए। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस कंपनी के एक डायरेक्टर को पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। वहीं अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
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खातों की जांच कर रही पुलिस पुलिस ने अरोपियों के खातों की जांच की है। जिसमें खुलासा हुआ है कि इन आरोपियों के खाते में करीब पांच करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इन खातों की पूरी डिटेल साइबर ब्रांच ने अपने कब्जे में ले ली है। जिन खातों की डिटेल और खाता नंबर पुलिस के पास अब है उन खातों का बेलेंस अब जीरो है। आरोपी ने लोगों से रुपया ठग कर करोड़ों की संपत्ति गाजियाबाद और नोएडा में खड़ी कर ली है। इसके अलावा और जो लोग कंपनी से जुड़े हुए थे या फरार हैं उनमें भी अधिकांश गाजियाबाद और उसके आसपास के क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस इनकी तलाश में भी दबिश दे रही है।