अकेले पीवीवीएनएल यानी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के जिलों की बात करें तो आज इन जिलों में 6 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर 3553 करोड़ रुपये का बकाया इस योजना के तहत पड़ा हुआ है। हालात यह है कि पीवीवीएनएल ने योजना के तहत बांटे गए कनेक्शनों में से दो लाख कनेक्शन नेवर पेड की श्रेणी में रखकर काट दिए हैं। हर घर कनेक्शन के तहत पीवीवीएनएल के करीब छह लाख उपभोक्ताओं ने कनेक्शन लेने के बाद 3553 करोड़ रुपये की बिजली फूंक दी।
पीवीवीएनएल ने पीएम सौभाग्य योजना के तहत पीदस लाख से अधिक कनेक्शन बांटे थे। एक से दो किलोवाट के इन कनेक्शनों के साथ मीटर, सॉकेट, होल्डर और एक एलईडी बल्ब भी मुफ्त दिया गया था। सरकार का मानना था कि इससे बिजली चोरी को रोकने में मदद मिलने के साथ ही राजस्व में वृद्धि होगी। लेकिन सरकार की सोच से विपरीत 10 लाख में से 6 लाख उपभोक्ताओं ने न तो बिजली का बिल ही दिया और न इसके बारे में किसी प्रकार की जागरूकता ही दिखाई।
2 लाख उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटे नेवर पेड उपभोक्ताओं पर सख्ती करते हुए पीवीवीएनएल ने कंपनी क्षेत्र में आने वाले 14 जनपदों में अभियान चलाया और अब तक 1.65 लाख उपभोक्ताओं के कनेक्शन अस्थायी रूप से काट दिए गए।
ये हैं आंकड़े जोन नेवर पेड उपभोक्ता बकाया बिल लाख रुपये में मुरादाबाद जोन में नेवर पेड वाले सर्वाधिक उपभोक्ता पश्चिमांचल में नेवर पेड वाले उपभोक्ताओं की संख्या जहां छह लाख तक है। वहीं इनमें मुरादाबाद जोन में सर्वाधिक नेवरपेड उपभोक्ता हैं। मुरादाबाद जोन में 295911 नेवर पेड उपभोक्ता है। इसके बाद दूसरे नंबर पर सहानपुर है। जहां पर 160182 नेवर पेड उपभोक्ता हैं। वहीं तीसरे नंबर पर बुलंदशहर है। जहां पर 62940 नेवर पेड उपभोक्ता हैं। सबसे कम नेवर पेड उपभोक्ता गाजियाबाद में हैं। गाजियाबाद जोन में इनकी संख्या 9260 है। पश्चिमांचल में सर्वाधिक बकाया सहारनपुर जोन के उपभोक्ताओं पर है। यहां पर 139841 लाख रूपये उपभोक्ताओं पर बकाया हे। सबसे कम गाजियाबाद के नेवर पेड उपभोक्ताओं पर 8678 लाख रुपये बकाया है।