आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे वकार वर्तमान में आईआईटी मंडी के रिसर्च स्कॉलर हैं और ‘मोदी बाइक’ पर लगातार रिसर्च भी कर रहे हैं। वकार का कहना है कि ‘मोदी बाइक’ के चार्जिंग सिस्टम को लगातार बेहतर करने की रिसर्च कर रहे हैं और नवंबर तक इस पर काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि चार्जिंग के लिए सेलों की उपयोगिता पर उनकी रिसर्च चल रही है, ताकि लोगों को ‘मोदी बाइक’ को चार्ज करने में कम पैसा खर्च करना पड़े। वकार का कहना है कि मार्केट में ‘मोदी बाइक’ को आने में एक से दो साल तक लग सकते हैं।
वकार अहमद मलिन बस्ती मकबरा डिग्गी के रहने वाले हैं। वकार बचपन से ही पढऩे में होशियार हैं। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। वकार ने इस बाइक को कार और बाइक के पुर्जो से जोड़कर बनाया है। बिना पेट्रोल-डीजल के चलने वाली इस बाइक की कीमत 72 हजार रुपए है। वकार का कहना है कि ‘मोदी बाइक’ के बारे में उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है, वहां से जवाब आने का इंतजार है।
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