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मेरठ

नए साल में कलेंडर आैर डायरी जेब पर पड़ने जा रहे हैं भारी, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह, देखें वीडियोे

कागज के दामों में बढ़ोतरी से व्यापारियों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना, काम पर पड़ रहा असर
 

मेरठDec 16, 2018 / 03:37 pm

sanjay sharma

meerut

नए साल पर कलेंडर आैर डायरी जेब पर पड़ने जा रहे हैं भारी, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह

मेरठ। अगर आप नए साल पर अपने किसी अजीज को नए साल का कलेंडर या फिर डायरी देने का प्लान बना रहे हैं तो आपका यह प्लान आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि अब कागजों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिसके कारण डायरी, कापी, किताब और रिम के साथ ही फोटो स्टेट की दुकान पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। यह नौबत कागज बनाने वाली फैक्ट्री से कागज की दरें महंगी होने के कारण आई है। जिसके कारण इसकी मार आम आदमी की जेब पर भी पड़ रही है। फोटो स्टेट और अन्य कामों में ए 4 साइड का कागज सर्वाधिक प्रयोग किया जाता हैै। इसके एक पैकेट की कीमत में अब दो सौ से तीन सौ रूपये की वृद्धि हुई है। जिसके चलते फोटो स्टेट की दुकान वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में ए-4 साइज के कागज और कंप्यूटर प्रिंटिंग पेपर की मांग सर्वाधिक होती है। रिटेलरों के अनुसार कुछ दिनों के भीतर कागजों के दरों में इजाफा हुआ है। जिससे आने वाले दिनों में कागज भी रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है।
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कैलेंडर-डायरी महंगे

नए साल में कैलेंडर और डायरी का गिफ्ट लोग अपने प्रिय लोगों को देते हैं। लेकिन इस बार यह गिफ्ट भी जेब के लिहाज से महंगा ही होगा। कैलेंडर और डायरी में लगने वाले कागज के दामों में भी वृद्धि हुई है। चार पेज के एक कैलेंडर की कीमत पिछले साल के मुकाबलेे दो गुना बढ़ गई हैं।
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आखिर क्या है वजह

मेरठ पेपर विक्रेता संघ के संरक्षक कृष्ण मोहन ने बताया कि चीन में सी ग्रेड की पेपर मिले बंद हो गई है। ऐसा वहां पर पर्यावरण के चलते हुआ है। पहले वहां से प्रिंट पेपर इंडिया में आता था। जिसके कारण पेपर की दरों में पिछले कई साल से इजाफा नहीं हुआ था, लेकिन चीन में सी ग्रेड की पेपर मिले बंद होने से वहां से प्रिंट पेपर का आयात भारत में बंद हो गया है। देश में पेपर बनाने वाली मिले कम हैं जबकि यहां पर मांग अधिक है। मांग अधिक होने के कारण ही पेपर के दरों में वृद्धि हो रही है।

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