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नौकरी का झांसा देकर शिलांग में हफ्तेभर तक दुष्कर्म, वीडियो बनाकर अब मांगे तीन लाख जेल प्रशासन ने दिलाया पूजन का सामान जेल प्रशासन ने भी बंदियों की आस्था को देखते हुए उन्हें पूजन सामग्री उपलब्ध कराया। इतना ही नहीं जेल में बैरक में कलश की स्थापना पूरे मंत्रोच्चारण के बीच कराई गई। बंदियों की पूजा-पाठ में कोई खलल न डाले इस बात पर भी विशेष
ध्यान रखा है। यहां के अधिकारियों ने बताया कि कारागार में प्रत्येक धर्म के मानने वालों की आस्था का सम्मान किया जाता है। मौजूदा समय में कारागार में लगभग तीन हजार बंदी हैं। जिनमें से 675 बंदियों ने नवरात्र का व्रत रखा है। हालांकि कुछ बंदी पहले और आखिरी दिन ही व्रत रखते हैं, जिसमें महिला बंदी भी शामिल है। जबकि ज्यादातर बंदी लगातार नौ दिन व्रत रखते हैं। कारागार के अफसरों ने बताया कि इस बार लगभग छह सौ बंदियों के द्वारा लगातार नौ दिन व्रत रख रहे हैंं। व्रत रखने वाले बंदियों की जानकारी के बाद उन्हें व्रत का भोजन नौ दिन तक उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान उन्हें जो भी पूजन सामग्री की आवश्कता होगी, उसे भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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मेरठ में विदेशियों के हिन्दी सुर-ताल से हर कोर्इ रह गया सन्न! 102 महिला बंदियों का व्रत, यह फलाहार कारागार में पुरुष बंदियों के साथ ही महिला बंदी भी व्रत रखती हैं। इस बार नवरात्र में 31 महिला बंदियों के द्वारा व्रत रखा गया है। नवरात्र का व्रत रखने वाले बंदियों को नियमित रूप से पांच सौ ग्राम उबले हुए आलू के साथ ही केला, दूध, चीनी के साथ ही अन्य फलाहार उपलब्ध कराया जाता है।
बोले अधिकारी जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने कहा कि जेल में बंदियों द्वारा व्रत रखने और पूजा-पाठ को देखते हुए स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ताकि बंदी को व्रत के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो। कारागार में जिन बंदियों ने नवरात्र का व्रत रखा है, उन्हें पूजन सामग्री के साथ ही फलाहार प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है।