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छात्राओं के सामने बेइज्जती करने के बदले में की थी सुभारती यूनिवर्सिटी के कार्यालय अधीक्षक की हत्या तलाक कुरान ए पाक और मजहबे इस्लाम का हिस्सा नहीं है। पिछले एक महीने में तीन तलाक पीडि़तों ने कोर्ट में पति के साथ समझौता कर घर बसा लिया है जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में वाद भी दायर किया। उन्होंने मौलवी के फतवों को भ्रामक बताते हुए पुरजोर विरोध किया, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा से दूर रखा। जैनब नकवी ने कहा तीन तलाक की प्रक्रिया कुरान में नहीं है और इसकी प्रक्रिया कठिन है। आपसी मतभेद से मामला सुलझाया जा सकता है, अगर बात नहीं बनती तो न्यायिक प्रक्रिया जरूरी है जिससे हलाला से बचा जा सके।
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नर्स से दुष्कर्म करके बनाई अश्लील वीडियो, फिर तेजाब फेंकने की दी धमकी सभी मंचासीन वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में कहा की ये गंभीर समस्या थी और मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन था। इस प्रकार की धारणा रखने वाले लोग महिला और पुरुष को समान नहीं समझते। इस अवसर पर महानगर अध्य्क्ष वर्षा कौशिक, सरला सिंह, अनीता सिंह, संजना रस्तोगी, बबीता चौहान, रेनू गुप्ता, ज्योति वाल्मीकि, गीता शर्मा आदि शामिल रही।