जांच रिपोर्ट में जेलर समेत 5 दोषी जेलकर्मयों पर कड़ी विभागीय कार्रवाई तय की गई है। जिसके बाद से बागपत जेल प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है। कारागार मुख्यालय ने निलंबित पांच जेल कर्मियों को आरोप पत्र भेजकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
बता दें कि 9 जुलाई को पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का इल्जाम सुनील राठी पर लगा है। वहीं सुनील राठी ने भी अपना जुर्म कबुल कर लिया है। सुनील राठी को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। वहीं शासन ने बागपत जिला कारागार के जेलर उदय प्रताप सिंह, जिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिंदर सिंह व वार्डर माधव कुमार को निलंबित कर दिया था। इस मामले की जांच डीआईजी आगरा को सौंपी गई है। जिनके द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में निलंबित जेलकर्मियों के अलावा डिप्टी जेलर एसपरी सिंह भी दोषी पाए गए हैं।
गौरतलब है कि इस हत्याकांड को लेकर पिछले 25 दिनों से जांच चल रही है। हालांकि जांच कर रहे अधिकरियों ने अभी तक कोई भी रिपोर्ट साझा नहीं की थी, लेकिन डीआईजी जेल आगरा ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि बागपत जेल में सुनील राठी को खुली छूट थी। उसके मिलने वाले बिना रोक टोक जेल में आते जाते थे। सुनील राठी के करीबी कैदी भी उसके साथ ही रहते थे। बाहर से आने वाले सामान की तलाशी भी नहीं होती थी और उसका जेल में पूरा खौफ था।
जेल के अंदर सुनील राठी को वीआईपी सुविधाएं मिल रही थी। जिसके कारण यह लापरवाई सामने आई और जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी की मौत को अंजाम दिया गया। रिपोर्ट आने के बाद एडीजी ने जेलर, डिप्टी जेलर, समेत पांच को आरोप पत्र भेजकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा गया है। जिसमें तीन जेल कर्मीयों की बर्खास्तगी भी तय मानी जा रही है।