वहीं, मृतक के भाई कृष्णपाल सिंह ने बताया कि बंदरों ने धरमपाल पर 20 से ज्यादा ईंटें फेंकीं। ये ईंटें उनके सिर, छाती और पैरों पर लगीं। उन्होंने कहा कि बंदरों ने उन पर काफी ऊंचाई से ईंट फेंके, जिससे उन्हें गहरी चोटें आई। उन्होंने कहा कि ये बंदर ही असली अपराधी हैं और इसके लिए उन्हें परिणाम भुगतना होगा। कृष्णपाल सिंह ने कहा कि हमने बंदरों के खिलाफ पुलिस में एक लिखित शिकायत दी है, लेकिन पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए मौत का कारण पर्याप्त नहीं लगता।
वहीं, इस पूरे मामले पर डोगहाट पुलिस स्टेशन के एसओ चितवन सिंह ने अपनी वैधािनक मजबूरी गिनाते हुए कहा कि इस मामले में शिकायत तो आई है। लेकिन, हम बंदरों के खिलाफ हत्या का मामला कैसे दर्ज कर सकते हैं? यह हम पर हंसने की वजह बनेगा। मुझे नहीं लगता कि यह एक तार्किक मांग है। हालांकि, उन्होंने इसे केस डायरी में पंजीकृत कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की बात कही। गौरतलब है कि मृतक के परिजनों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और मामले में बंदरों को आरोपियों का नाम दिया गया है। हालांकि, पुलिस ने इसे एक ‘दुर्घटना’ के रूप में दर्ज किया है। लेकिन परिवार वाले इससे आश्वस्त नहीं है और अब उच्चाधिकारियों को इस बारे में शिकायत करने की बात कह रहे हैं।