scriptहाशिमपुरा कांड ने जब इस राजनीतिक दल को दिलवा दी थी उत्तर प्रदेश की सत्ता | meerut Hashimpura Kand sanjeevni samajwadi party in up | Patrika News
मेरठ

हाशिमपुरा कांड ने जब इस राजनीतिक दल को दिलवा दी थी उत्तर प्रदेश की सत्ता

हाशिमपुरा कांड के बाद यूपी की राजनीति में आ गया था भूचाल

मेरठOct 31, 2018 / 06:59 pm

sanjay sharma

meerut

हाशिमपुरा कांड ने जब इस दल को दिलवा दी थी प्रदेश की सत्ता

केपी त्रिपाठी, मेरठ। मेरठ का हाशिमपुरा कांड। जिसके पीड़ितों को बुधवार को देर से ही सही मगर न्याय तो मिला, लेकिन देश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले इस कांड की बदौलत मेरठ के न जाने कितने गली-कूचों के नेताओं ने सत्ता और कुर्सी का सुख भोगा। प्रदेश और देश के नेताओं में मुलायम सिंह यादव, आजम खान का नाम शुमार है तो स्थानीय नेताओं में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक महरूम हाजी अखलाक और बाद में उनके पुत्र शाहिद अखलाक के अलावा हाजी याकूब कुरैशी तक शामिल रहे।
यह भी पढ़ेंः Big Breaking: मेरठ के हाशिमपुरा कांड में सभी 16 पीएसी जवानों को उम्रकैद की सजा

मुलायम ने बना दिया था एमवाई समीकरण

1987 में दिवंगत राजीव गांधी की सरकार में पी. चिदांबरम देश के गृहमंत्री थे। राम मंदिर का मुद्दा देश में गरमाया तो मेरठ भी उसके आग की आंच से बच नहीं पाया और यहां भी सांप्रदायिक दंगे हुए। इस दंगे ने देश और मेरठ को हाशिमपुरा कांड का कलंक दिया। जिसमें सांप्रदाय विशेष के करीब 42 लोगों को पीएसी के ट्रक में भरकर मेरठ से करीब 35 किमी दूर मुरादनगर की नहर पर ले जाया गया और उसके बाद वे 42 लोग कभी अपने घर वापस नहीं लौट सके। तब से लेकर आज तक न्याय की आस में भटकते रहे उनके परिजन, लेकिन हाशिमपुरा कांड देश के कुछ दलों के लिए संजीवनी बनकर आया। खासकर समाजवादी पार्टी के लिए। उस दौर में समाजवादी पार्टी अपनी तरूणाई में थी और देश की राजनीति भी नई अगड़ाई ले रही थी।
यह भी पढ़ेंः Hashimpura Kand: 22 मर्इ 1987 तारीख जुबां पर आते ही यहां के लोगों की कांप जाती है रूह, मोहल्ले में 12 साल तक शादी नहीं हुर्इ थी

आजम खान ने भी भुनाया यह कांड

लिहाजा हाशिमपुरा कांड को मुलायम सिंह यादव और आजम खान ने खूब भुनाया। इसी हाशिमपुरा कांड की बदौलत मुलायम एमवाई यानी मुस्लिम और यादव समीकरण गढ़ पाए। जिसकी बदौलत वे सत्ता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। पीड़ित उस्मान की मानें तो जिस दिन उनको निचली आदालत ने हाशिमपुरा कांड के आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया। उस दिन सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान कार से हाशिमपुरा के पास से ही निकल रहे थे, लेकिन वे उनका दर्द भी पूछने नहीं उतरे। यह बात और है कि लखनऊ पहुंचते ही उन्होंने हाशिमपुरा कांड को फिर से हवा दे दी। जिससे सपा के पक्ष में माहौल बन गया। जिसका लाभ मेरठ में हाजी अखलाक को मिला और वे मेरठ शहर से विधायक बन गए।
कर्इ मंत्री बन गए आैर कर्इ विधायक

सलाउद्दीन जो कि आज करीब 70 वर्ष के हो चुके हैं उन्होंने बताया कि हाशिमपुरा कांड की बदौलत कई नेता विधायक बने और मंत्री बने लेकिन कोई भी उनके पास उनका दुख-दर्द पूछने नहीं आया। सलाउद्दीन कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव जी मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरठ आए, लेकिन उनके पास तक नहीं पहुंचे। जबकि सन 1988 में चुनाव के दौरान हाशिमपुरा कांड के नाम पर उन्होंने मेरठ में बड़ी रैली कर डाली थी। जिसमें लाखों की संख्या में मुस्लिमों की भीड़ जमा हुई थी। मुलायम सिंह ने हाशिमपुरा कांड के पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया था, लेकिन विडंबना देखिए कि उनके पुत्र अखिलेश की सरकार में ही जब हाशिमपुरा कांड में प्रदेश सरकार क्या कर रही है इसकी जानकारी लेने के लिए आरटीआई का सहारा लिया तो उसका भी जवाब नहीं दिया गया।
हाशिमपुरा पर इनका कहना है यह

मेरठ विवि के राजनीति विभाग के प्रोफेसर संजीव शर्मा का कहना है कि दंगे होते नहीं, कराए जाते हैं। इसकी जांच-पड़ताल बहुत मुश्किल नहीं है। दंगे के पहले और बाद के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों का एक मोटा आंकलन ही इसका खुलासा कर सकता है। दरअसल, दंगा ब्लैंक चेक की तरह होता है, जिसे नेता और राजनैतिक दल चुनाव में कैश कराते हैं। जब देश में दंगों की संख्या अचानक बढ़ जाए तो समझ लीजिए कि चुनाव करीब आने वाला है। इसके जांच के लिए बनी गुलाम हुसैन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सरकार ने लोगों के समक्ष पेश नहीं की। 2013 में सपा सरकार खुद आरटीआई के जवाब में लिखित रूप में बताती रही कि आयोग के इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर नहीं रखा है।

Hindi News / Meerut / हाशिमपुरा कांड ने जब इस राजनीतिक दल को दिलवा दी थी उत्तर प्रदेश की सत्ता

ट्रेंडिंग वीडियो