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इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ तक 20 जनवरी से ही उड़ान शुरू किए जाने का आग्रह किया, जिसे मानते हुए केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने गंभीरता पूर्वक विचार का आश्वासन दिया। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी माह में ही मेरठ से 18 सीटर विमान उड़ान भरते हुए दिखाई देने लगेंगे। केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात के दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि जिस प्रकार का एग्रीमेंट कर्नाटक के बीदर एयरपोर्ट और जीएमआर हैदराबाद एयरपोर्ट के बीच हो रहा है, उसी तरह का एग्रीमेंट मेरठ एयरपोर्ट और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच होना चाहिए। ताकि मेरठ भी हवाई जहाज उड़ान भर सके। डॉ. वाजपेयी ने सुरेश प्रभु के सामने अपने बात रखते हुए यह तर्क दिया कि जीएमआर की शर्तों के अनुसार 150 किमी हवाई दूरी के अंदर नया एयरपोर्ट नहीं बन सकता है, जबकि जेवर हवाई अड्डे की दूरी मात्र 63 किमी है। ऐसे में यह नियम अब लागू नहीं होता है। इसके साथ ही मेरठ में हवाई अड्डा निर्माण के लिए कर्नाटक के बीदर एयरपोर्ट के एग्रीमेंट की कॉपी केंद्रीय मंत्री को देते हुए वाजपेयी ने बताया कि इस एग्रीमेंट की कॉपी और जीएमआर का पत्र यूपी सरकार को पहुंच चुका है। उस पर उड्डयन निदेशालय से शासन द्वारा टिप्पणी मांगी गयी है। इस पर वाजपेयी को जानकारी दी थी कि इस मामले में मंगलवार तक रिपोर्ट शासन को पहुंच जाएगी। उसके बाद शासन बीदर एग्रीमेंट में मेरठ की परिस्थिति के अनुसार आवश्यक संशोधन करके विधायी एवं विधि विभाग से उसके ड्राफ्ट की स्वीकृति लेगा। इसके बाद वित्त विभाग की सहमति और मंत्री परिषद की स्वीकृति की प्रक्रिया अभी शेष है।
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वाजपेयी ने केन्द्रीय मंत्री के सामने दावा किया कि मेरठ हवाई पट्टी वर्तमान में छोटे विमान के लिए तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों को देखते हुए मेरठ से 18 सीटर विमान प्रयागराज कुंभ हेतु हवाई उड़ान सेवा शुरू कर दी जाए। फिर आगे की प्रक्रिया पूर्ण कर एटीआर 72 सीटर विमान से लखनऊ, प्रयागराज सेवा शुरू की जा सकती है।