लेटर पैड पर दी जानकारी मायावती ने योगेश वर्मा (Yogesh Verma) और सुनीता वर्मा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया। बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान ने इस संबंध में अपने लेटर पैड पर यह जानकारी दी। चर्चा है कि बसपा से निकाले जाने के बाद योगेश वर्मा और सुनीता वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले बसपा के पूर्व विधायक ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। मुलाकात कराने में मेरठ के ही एक सपा नेता का हाथ बताया जा रहा है।
एक वजह है चर्चा में पार्टी से निकाले जाने की पीछे एक और वजह चर्चा में चल रही है। बताया जा रहा है कि कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर मुरादनगर में बसपा की मंडल स्तर कर बैठक हुई थी। इसमें कम भीड़ होने पर योगेश वर्मा ने नाराजगी जताई थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि इतने लोग तो एक सेक्टर में जमा हो जाते हैं। ऐसे क्या पार्टी खत्म करना चाहते हो। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके इस बयान की शिकायत पार्टी सुप्रीमो से की गई थी।
पहले भी निकाले जा चुके हैं बसपा से आपको बता दें कि योगेश वर्मा 2007 से 2012 तक मेरठ की हस्तिनापुर सीट से विधायक रहे हैं। उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उनको बसपा सुप्रीमो मायावती पहले भी पार्टी से निकाल चुकी हैं। इसके बाद 2012 में उन्होंने पीस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में उनको भाजपा प्रत्याशी से हार मिली थी। 2017 में चुनाव से पहले वह फिर बसपा में आ गए। उन्होंने 2019 को लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर बुलंदशहर से लड़ा था। उसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनकी पत्नी सुनीता वर्मा ने मेरठ नगर निगम का चुनाव जीता था। उन्होंने भी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।