शहीद बेटे का नाम लेकर बार-बार बेहोश हो रही मां, पिता के आंसुओं को देख सेना के अधिकारी ने लगाया गले
मेरठ। एक बार फिर देश ने एक जवान को खोया तो एक मां की गोद सूनी हो गई। पत्नी का सिंदूर उजड़ गया तो तीन साल की मासूम के सिर से बाप का साया उठ गया। पिता की बूढ़ी आंखों से आंसू थमने का नाम ले रहे। कुछ ऐसा ही मंजर इस वक्त मेरठ के कांकर खेड़ा के श्रद्धापुरी के सेक्टर चार में दिखाई दे रहा है। जहां कहीं सन्नाटा है तो कहीं अपने बेटे को पुकारती मां की आवाज सुनाई दे रही है। चिखती, चिल्लाती, रोती-बिलखती मां का सिर्फ इतना ही कहना है कि उसे एक बार उससे बेटे से बात करा दो। कोई उसे उसके बेटे की झलक दिखा दे।
उसे पता है कि वह अपने बेटे को देखेगी लेकिन शायद वो उसे उस रुप में नहीं देखना चाहती और यहीं मंजर जब उसके आंखों के सामने आ रहा है तो वह सोचकर ही बेहोश हो जा रही है। जी हां आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए मेरठ के लाल केतन शर्मा की मां की हालत बिगड़ती जा रही है। बेटे को याद कर के रो-रोकर उनका बुरा हाल हो गया है। केतन की मां बार-बार बेहोश भी हो जा रही हैं और होश में आने पर फिर केतन को याद कर रोने लग रही हैं।
मेजर केतन शर्मा आज भले ही दुनिया में नहीं रहे। दुनिया से अलविदा हो गए हो। लेकिन उनकी बहादुरी से उनकी मां भी वाकिफ थी। उनकी मां उषा शर्मा का हाल बेहाल है। बेसुध मां को जब सैन्य अधिकारी ने घर के भीतर जाकर सांत्वना दी तो मां उषा शर्मा का एक ही कहना था कि कोई उनके शेर बेटे को वापस ला दे। लेकिऩ मां की पुकार को देखकर सैन्य अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं।
ये भी पढ़ें : Jammu-Kashmir: अनंतनाग मुठभेड़ में देश पर कुर्बान हो गए मेजर केतन शर्मा, तिरंगे में लिपटकर पहुंचेगा मेरठ का लाल आपको बता दें कि मेजर केतन शर्मा के शहीद होने की सूचना काफी देर तक केतन की मां से छुपाई गई थी। उन्हें सिर्फ इतना ही बताया गया था कि उनके बेटे के सिर में चोटें आई हैं। वह सेना के अस्पताल में भर्ती है। हालाकि इतना सुनते ही वह बेहोश हो गई थीं, जिसके बाद घर पर ही डॉक्टर को बुलाना पड़ा। लेकिन परिजनों और बाहर आई लोगों की भीड़, सैनिक अधिकारी को देखकर उन्हें मामला समझते देर नहीं लगी।
कई बार परिवार के अन्य सदस्यों को रोता हुआ देखकर वो एकटक उनको बस चुप-चाप देख रही हैं और आने-जाने वाले से पूछ रही हैं कि उनका केतन आखिर किस समय वापस लौटेगा। शहीद मेजर केतन के दोस्त आदित्य से वो बार-बार पूछ रही हैं कि केतन से उनकी क्या बात हुई थी। परिवार के अन्य लोग भी उनको ढांढस बंधा रहे हैं। उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया जा रहा है। लेकिन मां उषा शर्मा की आंखों से बहते आंसू नहीं रूक रहे।