scriptNag Panchami 2022: मेरठ के इस इलाके में हैं कोबरा सहित सांपों की प्रजातियां, नाग पंचमी पर पूजा का विशेष महत्व | Many species of snakes including poisonous cobra are found in Hastinapur of Meerut | Patrika News
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Nag Panchami 2022: मेरठ के इस इलाके में हैं कोबरा सहित सांपों की प्रजातियां, नाग पंचमी पर पूजा का विशेष महत्व

Nag Panchami 2022 मेरठ का ऐतिहासिक हस्तिनापुर जहां पांडव कौरव के बीच युद्ध का कारण बना और इतिहास के पन्नों में दर्ज है वहीं आज यह क्षेत्र बड़ी वन्य जीव सेंक्चुअरी के लिए भी प्रसिद्ध है। इन वन्य जीव सेंक्युअरी की सीमा पांच जिलों को छूती है। यह 2073 वर्गकिमी क्षेत्रफल में फैली हुई और भरपूर जैव विविधता से संपन्न है। यहां पर धार्मिक, एतिहासिक एवं प्राकृतिक पर्यटन का संगम होता है। लेकिन यहीं वन्य जीव सेंक्युअरी जहरीले सांपों के लिए भी जानी जाती है।

मेरठAug 01, 2022 / 07:33 pm

Kamta Tripathi

Nag Panchami 2022: मेरठ के इस इलाके में हैं कोबरा सहित सांपों की प्रजातियां, नाग पंचमी पर पूजा का विशेष महत्व

Nag Panchami 2022: मेरठ के इस इलाके में हैं कोबरा सहित सांपों की प्रजातियां, नाग पंचमी पर पूजा का विशेष महत्व

Nag Panchami 2022 मेरठ के हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी में दुर्लभ वन्यजीवों के अलावा सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी गंगा के किनारे करीब 2073 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली हुई है। यह पूरा हरियाली से हरा भरा और सांप के अलावा अजगर के लिए काफी मुफीद है। हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी में अजगर के अलावा विभिन्न प्रजातियों के सांपों का भी डेरा है। आए दिन हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी के सांप ग्रामीणों को दिखते रहते हैं। हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी में कहीं कहीं पर जहरीला कोबरा भी पाया जाता है। बता दें कि हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी प्रदेश की सबसे बड़ी वन्य जीव सैंक्चुअरी में शुमार होती है। किंग कोबरा दुर्लभ प्रजाति का सांप बिजनौर के सटे हस्तिनापुर के गंगा के किनारे और ब्रजघाट तक कई बार ग्रामीणों द्वारा देखा जा चुका है। मेरठ में डीएफओ रहीं अदिति शर्मा बताती हैं कि कोबरा दुर्लभ प्रजाति का सांप है। इसके अलावा हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी में रसल वाइपर, बैंडेट करैत, करैत के अलावा अन्य प्रकार के सांपों की प्रजातियां यहां पर पाई जाती हैं।

नागपंचमी पर बढ़ती है सक्रियता
हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी में सावन के महीने में और नागपंचमी के आसपास सांप पकड़ने वाले सपेरों की सक्रियता बढ़ जाती है। हालांकि वन विभाग भी इन दिनों में अधिक सक्रिय हो जाता है। और हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्युअरी में गश्त तेज कर दी जाती है। डीएफओ मेरठ राजेश कुमार का कहना है कि हालांकि अभी तक ऐसी कोई घटना तो उनके सामने नहीं आई है। अगर कुछ ऐसा है तो इलाके में और अधिक सतर्कता बरती जाएगी।
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फन वाले सांप को पकड़ने में लगते हैं कई घंटे
वहीं जंगल से सांप पकड़ने के माहिर लोगों की भी इस समय काफी अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। पूजा के लिए फन वाले सांप को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एक सांप को पकड़ने में दो से तीन घंटे का समय लग जाता है। वहीं इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं। सावन के महीने में और खासकर नागपंचमी के दिन सांप की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। बताया जाता है कि नागपंचमी के दिन सांप की पूजा कर उनको जंगल में छोड़ने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

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