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पुलिस विभाग को मास्क और सेनेटाइजर सप्लाई करने वाला मिला कोरोना संक्रमित, तीन दिन में मिले 61 मरीज उन्होंने लिखा है कि शराब के ठेके पर शराब खरीदने वालों को आधार कार्ड से बिक्री की जाए। शराब की दुकानें खोले जाने से घरों में अपराध बढ़ेगा। लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों में खाने को तो है नहीं लेकिन वे लोग शराब की लाइनों में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग खाना और राशन की लाइनों में लगकर सरकारी सुविधा का लाभ उठा रहे थे, वे आज शराब खरीदने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि इनके पास शराब खरीदने के लिए 1500 और 700 रूपये कहां से आ रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। इससे कोरोना संक्रमण को बढ़ावा मिलेगा।
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कांस्टेबल पत्नी की हत्या के आरोपी सिपाही ने दबिश देने पहुंची दिल्ली पुलिस के सामने खुद को गोली से उड़ाया, जानिए पूरा मामला अन्य युवकों राजपाल त्यागी, राजीव और रंजीत ने भी मेरठ में शराब की दुकानों के खुलने का विरोध किया है। इन लोगों का कहना है कि इससे कोरोना संक्रमण बढ़ेगा। सरकार को अभी शराब की दुकानें नहीं खोलनी चाहिए। बता दें कि कोरोना संकट के कारण डेढ़ माह के लंबे अन्तराल के बाद मंगलवार को जिले में खुली शराब की दुकानों पर शराबियों की भारी भीड़ उमड़ी थी। पुलिस ने शराब ठेकों पर मौजूद रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराकर व्यवस्था बनवायी। बीती 25 मार्च से लाकडाउन लागू होते ही सरकारी शराब के ठेकों पर ताले लटक गये थे। ठेकों पर तालाबंदी के चलते रोजाना मदिरा का सेवन करने वालों में भारी बेचैनी थी।