क्या है सेवा भोज योजना
देश में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू हो चुका है और ये टैक्स मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च आदि में भी लागू होता। जहां पर हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है। जीएसटी के लागू होने से जो चैरिटेबल ट्रस्ट श्रद्धालुओं को खाना खिलाते थे, उनपर काफी आर्थिक बोझ पड़ने लगा था।
ऐसे में चैरिटेबल ट्रस्ट की इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने ‘सेवा भोज योजना’ शुरू की है, जिसमें सरकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लंगरों के लिए लाए गए सामग्रियों पर लगने वाले जीएसटी के पैसों को वापस कर देगी।
सेवा भोज योजना का मुख्य उद्देश्य है कि धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को बगैर किसी भेदभाव के निशुल्क भोजन,प्रसाद, लंगर या भंडारा प्रदान करने वाले परोपकारी धार्मिक संस्थानों का वित्तीय बोझ कम किया जा सके।
ये होनी चाहिए योग्यता
किसी धार्मिक संस्थान के जरिए लोगों को भोजन कराते हैं तो इसके जरिए रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी के तहत छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इस योजना में आवेदन करने से पहले काम से का 5 वर्षों तक मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, गिरिजाघर जैसे किसी धार्मिक संस्थानो में एक महीने में कम से कम 5 हजार लोगों को निःशुल्क भोजन कराने का प्रमाण होना चाहिए।