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मेरठ

लखीमपुर खीरी कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ये आईपीएस अब लिख रहे किसान आंदोलन समाप्ति की पटकथा

कभी मेरठ में एडीजी के पद पर रहे प्रशांत कुमार आज प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर की कमान बाखूबी संभाल रहे हैं। वहीं पश्चिम के कई जिलों की कमान संभाल चुके हैं आईपीएस अजय पाल शर्मा भी किसानों की पृष्ठभूमि से पूरी तरह से वाकिफ रहे हैं।

मेरठOct 11, 2021 / 10:49 am

Nitish Pandey

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मेरठ. लखीमपुर खीरी कांड में सरकार को किरकिरी और बड़े आंदोलन से अगर कोई बचाकर ले गया तो उसका श्रेय प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार और आईपीएस डॉक्टर अजय पाल शर्मा को जाता है। इन दोनों अधिकारियों को ऐन मौके पर भेजकर योगी सरकार ने जो भरोसा इन पर जताया था उसमें दोनों अधिकारी सौ प्रतिशत खरें उतरे।
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आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा ने लखीमपुर खीरी कांड में मृत किसानों के परिजनों से संपर्क साधने का काम करने के साथ ही भाकियू को भी लाइनअप करने का काम किया। सूत्रों की माने तो आईपीएस प्रशांत कुमार और अजय पाल शर्मा ने सीएम योगी और भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को नजदीक लाने में भी भूमिका निभाई। जिसके बाद एक बारगी भाकियू के तेवर कम हुए। लखीमपुर खीरी कांड में दोनों ही आईपीएस अधिकारियों की सूझबूझ से जहां भाजपा सरकार की छवि बची वहीं दूसरी ओर एक बड़े बवाल से भी प्रदेश को बचाकर ले गए।

अब लिख रहे किसान आंदोलन समाप्ति की पटकथा

लखीमपुर खीरी कांड को शांतिपूर्वक तरीके से निपटाने के बाद अब एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार और आईपीएस अजय पाल शर्मा किसान आंदोलन समाप्ति की पटकथा लिख रहे हैं। दोनों ही अधिकारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में काफी लंबे समय तक तैनात रह चुके हैं और दोनों को किसान आंदोलनों से निपटने के साथ ही किसान नेताओं से बातचीत का काफी लंबा चौड़ा अनुभव रहा है। आईपीएस प्रशांत कुमार जब मेरठ में एडीजी के पद पर तैनात थे उस दौरान कई किसान आंदोलन हुए जिसे उन्होंने बाखूबी अपनी सूझबूझ से निपटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

भाकियू को साधने का किया जा रहा प्रयास
अजय पाल शर्मा के शामली और सहारनपुर में तैनाती के दौरान भाकियू के प्रमुख नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं। कई मौकों पर इस आईपीएस ने आंदोलनों में मध्यस्थता का काम किया था। अजय पाल शर्मा यूपी कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सहारनपुर फिर मथुरा हुई थी। अजय पाल शर्मा जब शामली के एसपी बने थे तो वहां पर उन्होंने अपराध रोकने के साथ ही कई अच्छे काम किए थे। दोनों ही अधिकारी अब किसान आंदोलन केा समाप्त करवाने के लिए भाकियू को साधने का प्रयास कर रहे हैं। बताया तो यहां तक जा रहा है कि दोनों अधिकारियों से टिकैत पुत्रों की बातचीत तक हो चुकी है। लेकिन अभी अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला है। दोनों ही अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा और किसानों का सम्मान मिलेगा।

बोले अधिकारी और टिकैत पुत्र
पत्रिका से बातचीत में आईपीएस प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस की है। किसान आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चले इससे पुलिस को कोई एतराज नहीं है। उनसे जब पूछा गया कि क्या किसान आंदोलन समाप्ति की ओर है तो उन्होंने बताया कि भविष्य में कुछ अच्छा होने वाला है। जो कि किसान और सरकार दोनों के हित में होगा।
किसान आंदोलन अब समाप्त हो जाना चाहिए- अजय पाल
आईपीएस अजय पाल शर्मा ने पत्रिका से बातचीत में स्वीकार किया कि लखीमपुर खीरी कांड को उन्होंने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और वहां पर गए। पूरे प्रकरण में काफी सूझबूझ के साथ निर्णय लिए गए।
पीडितों को न्याय का भरोसा दिलाया गया। जिसके बाद काफी कुछ सकारात्मक होता चला गया। किसान आंदोलन के बारे में उनका क्या कहना है इस पर उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब समाप्त हो जाना चाहिए। यह काफी दिन से चल रहा है इससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाएगी तो वे निश्चित ही किसान आंदोलन को खत्म करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सरकार मान ले बात, मिनटों में समाप्त हो जाएगा आंदोलन- टिकैत

वहीं किसान आंदोलन की मुख्य भूमिका निभा रही भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारा अधिकारियों से कोई बैर नहीं है। सरकार हमारी मांग मान ले तो किसान आंदोलन मिनटों में समाप्त हो जाएगा। वहीं उन्होंने यह भी संकेत दिए कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कभी बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए हैं।

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