बताया जा रहा है कि डॉक्टरों को ऐसा करने में पहली बार सफलता मिली है। डॉ. भरत ने जिस मरीज पर इस ट्रीटमेंट को अजमाया है वह 20 साल की एक युवती है। कोरोना वायरस की वजह से उसके फेफड़े बेकार हो गए थे। हालांकि, डॉ. भरत के लिए इतिहास रचने का यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने पहली बार रोबोट की मदद से फेफड़ों की सर्जरी की थी।
5 जून को किया था ट्रांसप्लांट 40 साल के भरत शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल अस्पताल में थोरैसिक सर्जरी के प्रमुख और फेफड़ों के प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सर्जिकल निदेशक हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित युवती का लंग ट्रांसप्लांट 5 जून को किया गया था लेकिन अस्पताल ने गुरुवार को इसका खुलासा किया। डॉक्टर ने बताया, ‘डबल लंग ट्रांसप्लांट सबसे जटिल प्रक्रियाओं में से एक है। मैंने हाल ही में कई प्रत्यारोपण किए हैं लेकिन इसमें काफी ज्यादा जोखिम था।’
युवती हो रही ठीक उन्होंने बताया कि इसके बाद मरीज की हालत में सुधार का इंतजार किया गया। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया ताकि उसके दिल और फेफड़े को सपोर्ट मिले। इस सर्जरी में मरीज की किस्मत ने भी अहम भूमिका निभाई। चौथी कोरोना रिपोर्ट आने के दो दिन के भीतर ही मरीज के लिए डोनर मिल गया। एक ब्रेन डेड शख्स के फेफड़ों को प्रत्यारोपण के लिए इस्तेमाल किया गया। युवती की हालत अब ठीक है और वह तेजी से रिकवर हो रही है। उसने अपने दोस्तों और परिवार वालों से वीडियो कॉल के जरिए बात की, जिससे उसकी हालत में सुधार का अंदाजा लगाया जा सकता है।