मेरठ के जिला उद्यान अधिकारी आरएस राठौर ने बताया कि बाजार में बिकने वाली हाइब्रिड प्रजाति की सब्जियों को खरीदने के लिए लोगों को जेब से रुपये खर्च होते हैं। वहीं इन सब्जियों में वह पौष्टिकता भी नहीं मिल रही। रोजाना 150 से 200 रुपये खर्च भी करने पड़ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने यह पहल की है। जिसके तहत विभाग लोगों को सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। कोरोना काल में सब्जियों की कीमत काबू में आने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में महीने का बजट गड़बड़ा जा रहा है। इस बजट को संभालने के लिए भी उद्यान विभाग ने इससे राहत दिलाने की पहल की है।
आरएस राठौर का कहना है कि लोग चाहें तो अपने घर-आंगन में किचन गार्डेन उगा सकते हैं। इसके लिए उन्नत प्रजाति का बीज खरीदने के लिए चक्कर नहीं काटने होंगे। उद्यान विभाग भारतीय सब्जी अनुसंधान परिषद की ओर से विकसित की गईं 10 प्रकार की सब्जियों का शोधित व उन्नत प्रजाति का बीज मुफ्त में उपलब्ध कराएगा। उद्यान विभाग की ओर से जिले में हजारों लोगों को सब्जी का बीज वितरित किया जा चुका है। पैकेट में लौकी, तोरी, पालक, चौराई, सेम, मूली, करेला, मेथी समेत 10 तरह की सब्जियों के बीज अलग-अलग पाउच में रखे गए हैं। बाजार से खरीदने के लिए लोगों को लगभग 150 रुपये कीमत चुकानी पड़ेगी। विभाग की ओर से लोगों को मुफ्त में सब्जी के बीज का वितरण किया जा रहा है। लोग घर में किचन गार्डेन बना सकते हैं। इससे शुद्ध व ताजी सब्जियां मिलेंगी। वहीं पैसे भी बचेंगे।