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स्वाइन फ्लू और कोरोना के खौफ के बीच बेटियों ने किया ऐसा काम कि हर कोई कर रहा प्रशंसा मार्च शुरू होने के साथ ही ठंड को अलविदा कहने वालों की उम्मीदों को बेमौसम बारिश ने बदल दिया है। मार्च के पहले ही सप्ताह में होने वाली बारिश ने करीब 18 वर्षो के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक मेरट और आसपास समेत वेस्ट यूपी के कई जनपदों में लो एयर प्रेशर जोन बनने की वजह से पहाड़ों के बादल मैदान को भिगो रहे हैं। वहीं, हवा की बदलती दिशा भी बारिश के मुख्य वजहों में से एक है। बेमौसम बारिश से पारे की गिरावट ने एक बार फिर से लोगों को गर्म कपड़ों से लैस होने पर मजबूर कर दिया है।
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Swine Flu और Coronavirus के खौफ से मास्क की बढ़ी डिमांड, स्टॉक कम होने पर इतनी कीमत में खरीद रहे लोग मौसम विभाग के मुताबिक वेस्ट यूपी के जनपदों पर बादलों को जमावड़ा है जो कि करीब 48 घंटे तक भारी बारिश कर सकते हैं। बुधावार की रात से गुरुवार की दोपहर तक 0.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। इस वर्ष मार्च के पहले हफ्ते में ही इतनी बारिश हो गई जितनी पूरे मार्च में होती है। बता दें कि 18 वर्ष पहले मार्च माह के पहले सप्ताह में 1.2 मिमी बारिश हुई थी। उसके बाद से अमूमन किसी वर्ष न के बराबर ही बारिश हुई थी। बरसात से जनजीवन अस्त व्यस्त होने के साथ फसलें भी बर्बाद हो गई है। फरवरी माह में गुनगुनी धूप निकलने से पारा में उछाल दर्ज की जा रही थी। पारा कई डिग्री तक बढ गया था, लेकिन मार्च की शुरुआत में बारिश के बाद से पारा धड़ाम होना शुरू हो गया है। किसानों ने बारिश से फसल के नुकसान की चिंता जताई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो दिन यानी 6 व 7 मार्च को मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इससे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।