दरअसल, सारा मामला घोड़े और खच्चरों में फैली लाइलाज ग्लैंडर्स बीमारी को लेकर है। जिसकी दहशत से जिला प्रशासन ही नहीं देश प्रदेश स्तर तक कोहराम मचा है। बागपत में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी 12 घोड़ों के नमूने लेकर जांच के लिए भेज चुके हैं। बाहर से आने वाले घोड़े और खच्चरों का जिले में पूरी तरह प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी का प्रकोप एकाएक बढ़ने से जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है।
कुछ घोडों में बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें एक घोडो को जहर का ईंजेक्शन देकर जमीन में दबाया गया है। यदि और घोड़े और खच्चरों में इसकी पुष्टि होती है तो इसके बाद विभाग इन रोग मिलने वाले घोड़ों को मौत के लिए इंजेक्शन लाएगा। इस रोग की आमद से घोड़ा, खच्चर और इस प्रजाति के पशुओं को पालने वाले लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। जरा भी रोग दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकों से उपचार करवा रहे हैं।
डीएम ऋषिरेंद्र कुमार ने कंट्रोल एरिया घोषित कर दिया है। बाहर से घोड़ा या इसकी प्रजाति का कोई भी पशु प्रवेश नहीं करेगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजपाल सिंह ने बताया कि घोड़े और इसकी प्रजाति के लिए लैंडर्स बीमारी खतरनाक है। पशु पालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। ग्लैंडर्स होने से संबंधित घोड़े की मौत निश्चित है। इस बीमारी से निबटने के लिए बागपत से ही नहीं हिसार अनुसांधान केंद्र से आये डाक्टर भी लगातार बागपत में नजर बनाये हुए है।