बता दें कि हापुड़ देहात थाने में उपनिरीक्षक नफीस अहमद का पहले ही स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन वे रिलीव नहीं हुए थे। इसी बीच दरोगा के एक युवती के साथ तीन आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो गए हैं, जो शुक्रवार रात के बताए जा रहे हैं। दो वीडियो में दरोगा युवती के संग आपत्तिजनक हरकतें करता नजर आ रहा है। वहीं तीसरे वीडियो में युवती रात के समय किसी सुनसान स्थान पर मौजूद है। इस वीडियो में युवती सरकारी पिस्टल से फायरिंग करती दिख रही है। हालांकि पुलिस ने सरकारी पिस्टल होने की बात तो स्वीकार की है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि युवती ने दरोगा की पिस्टल से फायर किया है या नहीं। क्योंकि इस वीडियो में दरोगा का चेहरा नजर नहीं आ रहा है।
वीडियो वायरल होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। इसके बाद तुरंत दरोगा शनिवार को ही रिलीव होकर मेरठ चला गया। जब यह मामला एसपी हापुड़ संकल्प शर्मा के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसकी जांच सीओ सीटी राजेश कुमार को सौंपी। सीओ ने जानकारी देते हुए कहा है कि कार में युवती के साथ कौन मौजूद था और उसने किसकी सरकारी पिस्टल से फायर कराया इसकी जांच चल रही है। इस मामले में युवती से भी पूछताछ की जाएगी। बता दें कि रिलीव होने से पहले दरोगा ने पिस्टल व पूरे दस कारतूस जमा किए हैं। हालांकि एसपी ने उपनिरीक्षक को दोषी मानते हुए निलंबन की संस्तुति डीआईजी मेरठ को भेजी। इसके बाद डीआर्इजी मेरठ अखिलेश कुमार ने दरोगा को तुरंत सस्पेंड कर दिया है।