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Weather Alert: वेस्ट यूपी में टूटा ठंड का रिकार्ड, नए साल पर बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट उन्होने कहा कि अन्याय और अत्याचार की अति का परिणाम महाभारत है और महाभारत का आरंभ गीता है। युद्धभूमि में अवतरित हुआ यह अतुलनीय ग्रंथ अपने आप में मानव जीवन के आध्यात्म और मनोविज्ञान का अनुपम ग्रंथ है। जिसे स्वयं परमात्मा ने अपनी वाणी से मानव को दिया है। गीता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि गीता किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन की किसी भी स्थिति में मार्गदर्शन करने में सक्षम है। हमें यह समझ लेना चाहिए कि कोई व्यक्ति या राष्ट्र तभी प्रगति और विजय को प्राप्त कर सकता है जब उसकी नीति सही हो। यदि नीति सही नहीं है तो विजय बहुत मुश्किल है। गीता बहुत सरल और व्यवहारिक ग्रंथ है। जिसे समझने के लिए श्रद्धा और विश्वास के अलावा और किसी भी चीज की आवश्यक्ता नहीं है। हम सनातन धर्मियों का दुर्भाग्य है कि हम संपूर्ण विश्व में गीता का सही प्रचार प्रसार करने में असफल सिद्ध हुए हैं। वरना धर्म के और आस्था के नाम पर अशांति होती ही नहीं।
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82 किलोमीटर का सफर तय होगा 45 मिनट में, होली के बाद इस एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरेंगे वाहन इस दौरान अयोध्या से आए जगदगुरू परमहंसाचार्ज महाराज, महामंडलेश्वर शिवानी दुर्गा, महामंडलेश्वर नीलिमानन्द , आर्य विदुषी आयुषी राणा ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान महंत यति मां चेतनानन्द सरस्वती ने कहा कि हिंदू के ज्ञान का सागर है गीता। आज गीता को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। अगर गीता पढ़ ली जाए तो जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाएगा।