लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती से मिलने पहुंच रहे है नेता, हो सकता है बड़ा फैसला
डीलरों ने शुरू से ही किया था मशीन का विरोध गौरतलब है कि फरवरी व मार्च माह में आपूर्ति विभाग ने ई पाॅश मशीनों से राशन देना का काम शुरू किया था। जिसमें शहरोें में ई पाॅश मशीनों से राशन देने की प्रकिया शुरू की गई थी। लेकिन यह मशीनें राशन डीलरों को रास नहीं आई। मशीनों के प्रयोग में दिक्कत बताते हुए जिला पूर्ति अधिकारी को इसकी शिकायत की थी लेकिन शासन के दाबाव में इन मशीनों का प्रयोग जरूरी बताकर यह व्यवस्था लागू कर दी गई। जिसके बाद राशन की कालाबाजारी पर रोक लग गई। लेकिन यह बात राशन डीलरों को हजम नही हो सकी। हर माह राशन की कालाबाजारी कर लाखों की इनकम करने वाले डीलरों मशीनों का तोड़ निकालना शुरू कर दिया था।ई पाॅश मशीनों में गडबडी से लेकर राशन कार्ड का खेल खेला गया और जनपद में कई राशन डीलरों ने हर माह लाखों का राशन बेच दिया। लोगों का अरोप है कि ई पॉश मशीनों में गड़बड़ी बगैर आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नहीं की जा सकती है। यहीं वजह है कि विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत होने की आंशका जताई जा रही है। साथ ही राशन कालाबाजारी का खेल चलता रहा। इससे जिला प्रशासन अनभिज्ञ रहा। शासन स्तर पर घोटाले का खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया। डीएम को जब शासन से मामले से अवगत कराया गया तो डीएम ने जांच कर कारवाई के निर्देश दिए है। वहीं वेस्ट यूपी के गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और हापुड में राशन डीलरों के खिलाफ आईटीएक्ट, आधार एक्ट, धोखाधडी, व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है। बागपत के जिलाआपूर्ति अधिकारी चमन शर्मा ने बताया कि राशन डीलरों सहित 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।