मेरठ। लॉकडाउन के बीच अकीदत के साथ जिले में आज ईद—उल—अजहा का पर्व मनाया जा रहा है। ईद के पाक अवसर पर लोगों ने घरों में ही सुबह नमाज अदा कर एक दूसरे को मुबारकबाद दी। शहरकारी शफीकुर्रहमान ने इस दौरान आनलाइन तकरीर पढ़ते हुए कहा कि हज़रत इब्राहीम अलै. की याद में ईद-उल-अज़ा का त्यौहार इस्लामी साल के आखरी महीने हज की 10वी तारीख़ को मनाया जाता है। इस्लामी मान्यता के अनुसार इस दिन कुर्बानी करना अल्लाह को सबसे ज़्यादा पसंद हैं और कुर्बानी से बढ़कर आज के दिन कोई अमल नही है। इसलिए मुस्लिम समाज के लोग इस दिन अपनी-अपनी हैसियत के मुताबिक कुर्बानी करते हैं या कुर्बानी के जानवर में हिस्सा लेते हैं।
कुर्बानी का ये सिलसिला तीन दिन तक चलता हैं और कुर्बान हुए जानवरों की खाल ज़रूरतमंद लोगों को तकसीम की जाती है। उनको बेचकर उसका पैसा गरीबों,बेसहारा,यतीमो को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी के बाद जानवर के माँस के तीन हिस्से किए जाते हैं। एक हिस्सा गरीबों में बांटा जाए, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों को जिनके यहाँ कुर्बानी नहीं हुई हैं उनको भेजा जाए और तीसरा हिस्सा खुद की ज़रूरत के लिए रखा जाए।
यह भी पढें: गाजियाबाद की पॉश कालाेनी में आधी रात काे घूमते हुए देखा गया तेंदुआ, दहशत में लाेग बता दें कि इस समय कोरोना महामारी और लॉक डाउन के चलते लोगों में वो उत्साह और उमंग नज़र नहीं आ रही हैं जो उमूमन ईद-उल-अज़ा में नज़र आती थी। मुस्लिम समाज के लोगों ने घरों में ईद की दोगाना नमाज़ अदा की और जिसको नहीं आती हैं उसने चार रकअत चाशत की नमाज़ अपने घर में अदा की। इसके बाद घरों में कुर्बानी दी गई। मेरठ में इस समय सप्ताह में देा दिन का टोटल लॉक डाउन लगा है। जो आगामी सोमवार केा सुबह 5 बजे समाप्त होगा। सामूहिक कुर्बानी और खुले में कुर्बानी का सरकार की तरफ से सख्त मनाही हैं और जो इन निर्देशों का उलंघन करेगा उस पर प्रशासन की तरफ से कार्यवाही की जाएगी।
मस्जिदों में नहींं पढ़ी गई नमाज :— शाही मस्जिद में सोशल डिस्टेंस के साथ शहर कारी ने पांच लोगों के साथ नमाज अदा र्की। इसके अलावा जिले की सभी मस्जिदों में पांच लोगों ने नमाज अदा की। वहीं मस्जिदों के बाहर पुलिस बल भी तैनात रहा। शहर को कई सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात किया गया है।
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