मखाना- मां लक्ष्मी को मखाना बहुत प्रिय होता हैं। पंडित अनिल शास्त्री जी बताते हैं कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करते समय मां को मखाना का भोग अवश्य लगाना चाहिए। मां लक्ष्मी जल से प्रकट हुई थी वहीं मखाना भी जल में उत्पन्न होता हैं। इसलिए यह मां लक्ष्मी का प्रिय भोग होता हैं।
सिंघाड़ा- शास्त्रों में लिखा हैं कि देवी देवताओं को मौसमी फल बहुत प्रिय होते हैं। दिवाली के दिनों में सिंघाड़ा बहुत मिलता हैं। साथ ही मखाने की तरह सिंघाड़ा भी जल में ही होता हैं। यही कारण हैं कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन में सिंघाड़ा चढ़ाया जाता हैं।
नारियल- शुद्ध और पवित्र माने जाने वाले नारियल को श्रीफल भी कहा जाता हैं। देवी लक्ष्मी का एक नाम भी श्री है। यही कारण हैं कि नारियल को लक्ष्मी पूजा में चढ़ाया जाता हैं। आप चाहे तो मां को नारियल के लड्डू और उस से बनी अन्य सामग्री भी अर्पित कर सकते हैं।
बताशे- लक्ष्मी माता को बताशे भी पसंद होते हैं। ज्योतिषशास्त्र का मनना हैं कि मखाना, सिंघाड़ा और बताशा चांद से सम्बंधित होता हैं। चांद को लक्ष्मी मां का भाई भी माना जाता हैं। यही कारण हैं कि मां को भोग में बताशे चढ़ते हैं।
हलवा, खीर और सफेद मिठाई- ऐसा कहा जाता हैं कि लक्ष्मी पूजन के दिन मां को बाजार की मिठाई से ज्यादा घर का बना शुद्ध घी का हलवा, मिठाई और खीर पसंद आता हैं।
गन्ना- लक्ष्मी मां के बगल में खड़े एरावत हाथी को गन्ना (ईख) बहुत प्रिय होता हैं। यदि आप इस हाथी को खुश कर देते हो तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन, ऐश्वर्या और हर्ष का आशीर्वाद देती हैं।
अनार- लक्ष्मी मां को फलों में अनार अत्यधिक प्रिय होता हैं। आप चाहे तो अनार के साथ सेव और केला भी चढ़ा सकते हैं। पान- जो व्यक्ति लक्ष्मी पूजन के दिन मीठा पान अर्पित करता हैं मां उस व्यक्ति के घर साल भर तक वास करती हैं और धन की कमी नहीं होने देती हैं।