मेरठ के रहने वाले 76 वर्षीय प्रदीप जैन की बेटी (Daughter )
शालिनी जैन मेरठ के जानी ब्लॉक में सरकारी टीचर थी। परिजनों के अनुसार वो पंचायत चुनाव की डयूटी से घर पहुंचीं तो दूसरे दिन ही उसे बुखार आ गया। दो से तीन दिन बाद
ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद दो मई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पचा चला कि वह
कोरोना (
COVID-19 virus ) संक्रमित है। अस्पता में तीन मई को बेटी की मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद सदमे से परिवार पूरी तरह से उबर भी नहीं पाया था कि उनके इकलौते बेटे और पत्नी भी
कोरोना संक्रमित हो गये लेकिन कोरोना से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस ने घर के इकलौते बेटे अनिकांत जैन और उसकी मां रेनू जैन को अपनी चपेट में ले लिया। बेटे की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है जिसे अब
मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। पत्नी की तबीयत ठीक होने के कारण उसे अब अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
प्रदीप जैन का कहना है निजी अस्पतालों में मोटी रकम खर्च करने के बाद सब कुछ खत्म हो गया है।