दरअसल, इन महिलाओं का कहना है ब्राह्मण और जाट समाज के लोग उन्हें रास्ते से निकलने में परेशानी पैदा करते हैं। बहू-बेटियों से रास्ते में छेड़छाड़ की जाती है और विरोध करने पर मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाता है। महिलाओं ने कहा कि उन्हें ब्राह्मण और जाट समाज की आबादी से अलग रास्ता चाहिए, ताकि वे सुरक्षित रह सकें। करीब आधा घंटा चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सीओ ने प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया, जिसके बाद महिलाएं वापस लौट गई।
ये है पूरा मामला
बता दें कि बुधवार रात अनुसूचित जाति और ब्राह्मण समाज के लोगों के बीच जमकर पथराव और गोलीबारी हुई थी। जिसमें 17 लोग घायल हुए थे। मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि गुरुवार सुबह छह बजे एक बार फिर दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए थे। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर तीन मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें 44 लोगों को नामजद कर सैकड़ों अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।