मामला बड़ौत कोतवाली क्षेत्र का है, जहां बड़ौत कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर बचन सिंह सिरोही गैंगरेप पीड़िता का मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। रातभर पीड़िता के परिजनों को थाने के बाहर खड़े रहने को मजबूर कर दिया। रातभर गैंगरेप पीड़िता का परिवार थाने के बाहर खड़ा रहा, लेकिन इंसपेक्टर बचन सिंह सिरोही ने तहरीर लेना तक मुनासिब नही समझा और पीड़ित परिवार को सीमा विवाद में उलझाये रखा। दरअसल, कोतवाली बड़ौत क्षेत्र के हिलवाड़ी गांव से बीते शनिवार एक युवती का 5 लोगों ने उस वक्त अपहरण कर लिया था, जब वह घर पर अकेली थी। इसी दौरान दो युवक जिन्हें वह जानती थी। वे दोनों लोग उनके घर आए और धोखे से उसे नशीला पदार्थ दे दिया और फिर गाड़ी में डालकर फ़रार हो गए। परिजन घर पर नहीं थे और जब पहुंचे तो घर मे युवती को न पाकर इधर-उधर तलाश किया, लेकिन कही पता नहीं चला। इसके बाद अगले दिन युवती के बदहवास हालत में जिला कलक्ट्रेट के बाहर पड़े होने की सूचना मिली, जिसके बाद किसी ने लड़की को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
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अस्पताल में इलाज के बाद जब पीड़िता होश में आई तो उन्होंने आप बीती सुनाई। पीड़िता की माने तो 5 लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया। पहले चलती गाड़ी में उसके साथ हैवानियत की गई। फिर एक सुनसान जगह पर उसे ले जाकर रेप की घटना को अंजाम दिया गया। उसके बाद उसे कुछ नहीं पता कि किया हुआ। इसके बाद उसने खुद को कलेक्ट्रेट पर पाया, जिसके बाद इसकी सूचना उसने परिजनों तक पहुचाई। गैंगरेप पीड़िता की माने तो वह तीन आरोपियों को पहचानती हैं, जो कि जिले के ही लधवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। वहीं, इस वहशीपन को अंजाम देने वाले दो लोग अनजान थे। वही इस पूरे मामले पर पुलिस के आलाधिकारी चुप्पी साधे हुए है जबकि परिवार न्याय के लिए थानों के चक्कर लगा रहा है।