मनीष चौधरी के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पहली एफआईआर महिला अधिवक्ता की तरफ से गंभीर धाराओं में दर्ज कराई गई है। साथ ही दूसरी एफआईआर दरोगा की तरफ से कंकरखेड़ा थाने में ही कराया गया है। गिफ्तारी के बाद में कंकरखेड़ा थाने में भाजपाइयों ने हंगामा किया था। भाजपाइयों में इस बात का भी गुस्सा है कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल आैर कैंट विधायक सतप्रकाश अग्रवाल थाने में प्रदर्शन के दौरान नहीं पहुंचे। भाजपाइयों ने बताया कि रेस्टाेरेंट मालिक मनीष चौधरी को कैंट विधायक ने ही चुनाव लड़वाया था।
भाजपाइयों की माने तो विधायक पोस्टरों में ही पार्षद मनीष चौधरी के साथ हैं, विवाद के दौरान जरूरत आने पर विधायक गायब हैं। साथ ही सांसद के न पहुंचने पर कार्यकर्ताआें ने अपना गुस्सा जाहिर किया। भाजपाइयों को उम्मीद थी कि इस मामले में सांसद व विधायक साथ दे सकते है। वहीं संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता व अन्य पदाधिकारियों ने पार्षद पर एकतरफा कार्रवार्इ का आरोप लगाया है। उधर, भाजपाई शुरूआत से ही दरोगा और महिला अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है।