बता दें कि थाना भावनपुर क्षेत्र में एक पुजारी के साथ दूसरे संप्रदाय के लोगों ने मारपीट की थी। जिसमें पुजारी को गंभीर चोटें आई थी। घटना के दूसरे दिन सुबह यानी मंगलवार को पुजारी की मौत हो गई थी। परिजनों और हिंदू संगठनों का आरोप था कि पुजारी की मौत मारपीट में लगी गंभीर चोटों के कारण हुई है। बुधवार को पुजारी का शव सड़क पर रखकर हिंदू संगठनों ने जाम लगाया था। जिसमें पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी हुई थी। एसओ और थाने के दारोगा ने हिंदू संगठनों से अभद्रता की थी। धरने पर बैठे कैंट विधायक से भी अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप है। इसी बात को संज्ञान में लेते हुए एसएसपी ने एसओ भावनपुर संजय सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। संजय सिंह के स्थान पर रघुराज सिंह को भावनपुर थाने का चार्ज दिया गया है।
ये था मामला :— बुधवार को परिजनों ने सेवादार के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। विश्व हिंदु परिषद के सदस्यों ने परिजनों के साथ सेवादार के शव को मुख्य मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। एसडीएम सदर व सीओ देहात भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। मंदिर के सेवादार कांति प्रसाद की हत्या के मामले में करीब तीन घंटे तक हालात तनावपूर्ण बने रहे। पुलिस लाठीचार्ज की चेतावनी देती रही। इस दौरान एक दरोगा ने लाठी मारकर एक युवक का सिर फोड़ दिया तो भीड़ में आक्रोश फैल गया।