छोटे-मोटे दलों का उलूस मात्र सत्ता हासिल करना
बसपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे दलों का उसूल मात्र सत्ता हासिल करना होता है। वे किसी भी तरीके से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना चाहते हैं। इसके लिए वे जनता और अपने समाज के साथ ही देश हित के बारे में भी नहीं सोचते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का शिगूफा पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती और उनके भतीजे अखिलेश यादव ने ही छेड़ा था। अब जब इनके हित महागठबंधन में टकराने लगे हैं तो सिर फुटव्वल शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, दरअसल यह बेमेल गठबंधन, इसिलए समय से पहले ही टूट रहा है। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि मायावती हो या अखिलेश यादव दोनों ही अकेेले भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते। इसलिए ही महागठबंधन की बात छेड़ी गई थी। उन्होंने कहा कि यह लोग जाति के नाम पर चुनाव जीतने की रणनीति बना रही है, लेकिन भाजपा के साथ देश की जनता खड़ी है। जनता भलीभांति जानती है कि उसको किसको चुनना है कौन इस देश का भला कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ नरेन्द्र मोदी ही कर सकते हैं।