भीम आर्मी के साथ इन लोगों के आने से बसपा की नींद उड़ गई है। वहीं चर्चाएं हैं कि इससे बसपा प्रमुख मायावती को अपने दलित वोट बैंक के खिसकने का खतरा महसूस होने लगा है। भीम आर्मी के दिल्ली शक्ति प्रदर्शन में देश भर से दलित नेता और चिंतक दिल्ली में पहुंचने शुरू हो गए हैं। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसमें शिरकत कर सकते हैं। वहीं पूरे कार्यक्रम को दिल्ली सरकार ने मदद की है।
रैली में उठेगी दलित उत्पीड़न के खिलाफ आवाज भीम आर्मी की मानें तो वह दलित रैली में देश और प्रदेश में हो रहे दलित उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। दलित मंच से सहारनपुर हिंसा और प्रदेश में बीती दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के दौरान दलितों पर दर्ज हुए मुकदमों को प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा।
दो अप्रैल को जेल गए दलित युवाओं को करेंगे सम्मानित दिल्ली की रैली में भीम आर्मी बीती दो अप्रैल को हुई हिंसा के बाद जेल गए दलित युवकों को भी सम्मानित करेगी। इन युवाओं के परिजनों को भीम आर्मी के पदाधिकारी पहले ही निमंत्रण पत्र भेज चुके हैं। बताते चलें कि सहारनपुर हिंसा के बाद सुर्खियों में आई भीम आर्मी लगातार दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रही है।
रावण की रासुका का मामला उठेगा रैली में भीम आर्मी क राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत नौटियाल ने बताया कि रविवार का होने वाली रैली में भीम आर्मी के संस्थापक रावण उर्फ चंद्रशेखर आजाद पर लगी रासुका का मामला भी उठाया जाएगा। सरकार से मांग की जाएगी कि इसको हटाया जाए। उन्होंने बताया कि रैली का आयोजन दिल्ली में संसद मार्ग पर किया जाएगा। इस प्रदर्शन में देश भर के दलित चिंतक पहुंचेंगे।
बसपा संस्थापक कांशीराम की बहन लेंगी भाग उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में बसपा के संस्थापक कांशीराम की बहन और उनके परिवार के अन्य सदस्य शामिल होंगे। उनका भी सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन्होंने बसपा की स्थापना की, उन्हें ही मायावती ने प्रताड़ित किया और अपने आप को दलितों की चिंतक और मसीहा कहती हैं।